केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज घरेलू बैटरी विनिर्माण को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में शामिल किए जाने के भारी उद्योग मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
केंद्र सरकार की पीएलआई योजना के तहत मंत्रिमंडल ने नवंबर 2020 में एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) बैटरी भंडारण और आयात पर निर्भरता घटाने के लिए 18,000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इस समय देश में एसीसी की मांग आयात के माध्यम से पूरी की जाती है।
नोडल मंत्रालय ने उसके बाद एसीसी बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का प्रस्ताव किया था, जिससे एसीसी की 50 गीगावाट प्रति घंटे की विनिर्माण क्षमता हासिल की जा सके और 5 गीगावॉट प्रति घंटे की कम एसीसी की क्षमता हासिल हो सके। इसे बुधवार को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। प्रत्येक चयनित एसीसी बैटरी भंडारण विनिर्माता को न्यूनतम 5 गीगावाट प्रति घंटे क्षमता के संयंत्र की प्रतिबद्धता जतानी होगी और 5 साल में 60 प्रतिशत घरेलू मूल्यवर्धन सुनिश्चित करना होगा।
बयान में कहा गया है, ‘लाभार्थी फर्मों को 2 साल के भीतर 225 करोड़ रुपये अनिवार्य रूप से निवेश करने के साथ कम से कम 25 प्रतिशत घरेलू मूल्यवर्धन का लक्ष्य हासिल करना होगा। साथ ही 5 साल में घरेलू मूल्यवर्धन बढ़ाकर 60 प्रतिशत करना होगा।’
बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकारक उम्मीद कर रही है कि एसीसी बैटरी भंडारण विनिर्माण परियोजना में 45,000 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष निवेश आएगा।