Categories: आईटी

प्रभावित कर्मचारियों की मदद में आगे आईं फार्मा कंपनियां

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:31 AM IST

महामारी के दौरान कर्मचारियों और उन पर आश्रित परिवार के सदस्यों की मदद के लिए फार्मा कंपनियां आगे आई हैं। देश में कोविड-19 के कारण अब तक 2.7 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है। ऐसे में आवश्यक सेवाओं का हिस्सा रहने वाली फार्मा कंपनियों ने यह सुनिश्चित करने के प्रयास तेज कर दिए हैं कि जिन कर्मचारियों की मौत कोरोना की वजह से हुई है उनके परिवार को कुछ वित्तीय सहायता जरूर मिल जाए।
एक बार के भुगतान के अलावा कुछ और भी कदम उठाए जा रहे हैं जिनमें बच्चों की पढ़ाई के लिए भुगतान करने के साथ-साथ, अस्पतालों और आईसीयू बेड का इंतजाम करना या कर्मचारियों और उनके परिवारों की मदद के लिए चौबीसों घंटे का हेल्पलाइन तैयार करना शामिल है। देश की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी सन फार्मास्यूटिकल्स ने घोषणा की है कि वह दो साल के वेतन (न्यूनतम 25 लाख रुपये और अधिकतम 1.2 करोड़ रुपये) के बराबर की राशि का भुगतान करेगी। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह लाभ मौजूदा ग्रुप टर्म इंश्योरेंस से और अधिक होगा। प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘कंपनी इन कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई की फीस का भुगतान देश में उनकी स्नातक तक की पढ़ाई के लिए करेगी।’ अहमदाबाद की कंपनी टॉरंट फार्मास्यूटिकल्स ने थोड़ी अलग रणनीति अपनाई है। यह कोविड के शिकार हुए कर्मचारियों के परिवारों को 25 लाख रुपये का सीधे भुगतान कर रही है। टॉरंट ग्रुप के कार्यकारी निदेशक जयेश देसाई ने कहा, ‘हमारी मानव संसाधन टीम तुरंत कर्मचारी के परिवार का दौरा करती है और चेक सौंपती है।’ देसाई का मानना है कि एकमुश्त वित्तीय भुगतान करने से पदानुक्रम में निचले पायदान के कर्मचारियों की काफी मदद होती जाती है उदाहरण के तौर पर कंपनी के ड्राइवर। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 22,000 कर्मचारियों में से करीब 21,000 को हर साल 10 लाख रुपये से कम वेतन मिलता होगा। टॉरंट ने समूह मेडिकल बीमा पॉलिसी के अलावा अपने कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपये कोविड कवर भी जोड़ा है। देसाई ने दावा किया कि सामान्य भुगतान (भविष्य निधि, ग्रैच्युटी, छुट्टी के पैसे, समूह बीमा लाभ आदि शामिल है) के साथ जब कोविड लाभ को जोड़ा जाता है तब टॉरंट के कर्मचारियों के लिए यह रकम अमूमन 1 करोड़ रुपये से कम नहीं होती है।
उन्होंने कहा, ‘यह सुनिश्चित करना महत्त्वपूर्ण है कि परिवार को कोई दिक्कत न आए और यह अपने बिलों का भुगतान करने में सक्षम है। हम अपने दिवंगत कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को नौकरी में भर्ती करने को भी वरीयता देते हैं लेकिन यह भी योग्यता पर आधारित है और यह प्रक्रिया कोविड से पहले भी जारी रही है।’
मुंबई की कंपनी ल्यूपिन मृतक कर्मचारी के लाभार्थी को सालाना वेतन के दो गुना के बराबर की राशि का भुगतान कर रही है। कंपनी ने इसे ग्रेड से जोड़ दिया है। मसलन महाप्रबंधक और इससे ऊपर के पद के लिए ल्यूपिन कर्मचारी की मौत की स्थिति में सालाना सकल वेतन का भुगतान करेगी। यह कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्यों के लिए 25,000 रुपये तक के आइसोलेशन खर्च का भी वहन कर रही है। (जिसका भुगतान मेडिकल बीमा के जरिये होता है) इसके ऊपर की राशि ल्यूपिन देगी। कंपनी यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि जो लोग बीमार हैं, उन्हें उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिले और इसने अपने सभी कर्मचारियों के लिए ऑक्सीजन और ऑक्सीजन वाले बेड का इंतजाम करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया है।
अहमदाबाद की एक अन्य दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर भी कोविड टीका तैयार करने में आगे है और इसके पास जायडस वेलबीइंग फंड है जो कर्मचारी की मौत के बाद वित्तीय सहायता मुहैया कराता है। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस फंड के दायरे को और व्यापक करने की प्रक्रिया में हैं क्योंकि महामारी सभी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रही है। मार्च 2020 में महामारी शुरू होने के बाद से हम कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए मेडिकल खर्च में मदद दे रहे हैं।

First Published : May 24, 2021 | 9:12 PM IST