डेटा उल्लंघन की वजह से दुनिया में सभी क्षेत्रों के प्रमुख ब्रांडों की वैल्यू कमजोर पड़ सकती है। इंटरबैंड और इन्फोसिस द्वारा अपने तरह के पहले विशेष अध्ययन ‘इन्विजिबल टेक, रियल इम्पैक्ट’ में कहा गया है कि डेटा उल्लंघन की वजह से इन ब्रांडों की वैल्यू को 93 अरब डॉलर से लेकर 223 अरब डॉलर के बीच नुकसान हो सकता है। यह कुल वैल्यू के 4-9.6 प्रतिशत के बीच है।
अध्ययन में पाया गया कि सभी क्षेत्रों के वैश्विक ब्रांडों में डेटा उल्लंघन का दीर्घावधि प्रभाव पड़ता है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि बेहतर ग्राहक अनुभव परिवेश तैयार करने को इच्छुक कंपनियां अपने डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर ध्यान बढ़ा रही हैं। इससे एक ऐसा खास ब्रांड अनुभव पैदा हो रहा है जिसकी वजह है कि ग्राहक वफादार बने रहने के लिए ब्रांड को ज्यादा भुगतान को इच्छुक हैं।
अनुमान है कि 2020 के शुरू में ऑनलाइन के जरिये साझा डेटा बढ़कर 33 जेटाबाइट (1 जेटाबाइट 1 लाख करोड़ गीगाबाइट के बराबर) हो गया था।
इंटरब्रांड इंडिया में मुख्य ग्रोथ ऑफिसर अमेय कपनडक का कहना है कि अध्ययन में कंपनी की वित्तीय वैल्यू, ब्रांड के योगदान और ब्रांड की ताकत जैसे मानकों का आकलन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि डेटा उल्लंघन से ब्रांड और उसकी धारणा काफी हद तक प्रभावित होती है। इन्फोसिस में साइबर सिक्योरिटीज प्रैक्टिस के प्रमुख एवं मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी विशाल साल्वी ने कहा, साइबर सुरक्षा का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण बन गया है। हम सभी यह जानते हैं कि इसके प्रभाव की मात्रा का पता लगाना कठिन है।