कोविड-19 के मानक उपचार के लिए सहायक दवा उपलब्ध कराने की अपनी कोशिश के तहत प्रमुख दवा कंपनी इंटास ने थाइमोक्विनोन के पेटेंटयुक्त अनुसंधान को थाइमोटास ब्रांड नाम के तहत उतारा है। यह दवा रोगियों के शरीर में प्रतिरक्षा को मजबूत करती है और संक्रमण से लडऩे में जबरदस्त सफलता सुनिश्चित करती है।
कंपनी ने आज कहा कि इस दवा का क्लीनिकल परीक्षण हो चुका है। कंपनी ने कहा कि थायमोटास 12.5 मिलीग्राम दवा मौजूदा कोविड वैश्विक महामारी में प्रभावी तौर पर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण से निपटने में सफल रही है। इंटास के अनुसार, थायमोटास के एंटी-वायरल प्रभावों को सार्स-सीओवी2 के खिलाफ इन-विट्रो परीक्षण के जरिये प्रदर्शित किया गया है और कोविड-19 के मानक उपचार के लिए एक दमदार सहायक दवा के रूप में इसमें जबरदस्त क्षमता है।
थाइमोक्विनोन निगेला सैटिवा (काला जीरा) का सक्रिय जैविक घटक है। इसके औषधीय गुणों को साबित करने के लिए विभिन्न वैज्ञानिक प्रकाशन उपलब्ध हैं। इसके अलावा थाइमोक्विनोन को सबसे पहले इंटास द्वारा एक स्थिर, मानकीकृत और उपयोग के लिए तैयार टैबलेट के रूप में विकसित किया गया है।
इंटास के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं चिकित्सा मामलों के प्रमुख डॉ. आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि थायमोटास 12.5 मिलीग्राम दवा प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करने के अलावा मल्टीमॉडल क्रियाओं जैसे एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी, इम्यूनो-मॉड्यूलेटरी और एंटीऑक्सिडेंट के माध्यम से संक्रमण से लड़ती है।
डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित संयंत्र में विनिर्मित थाइमोटास एक प्रतिरक्षा बूस्टर और प्रोफिलैक्सिस के रूप में भोजन के बाद या डॉक्टर के निर्देश के अनुसार प्रतिदिन 12.5 मिलीग्राम की एक गोली ली जा सकती है। संक्रमण के उपचार के लिए एक सहायक दवा रूप में थायमोटस को भोजन के बाद 50 मिलीग्राम तक प्रति दिन की खुराक दी जा सकती है।
