दिल्ली उच्च न्यायालय ने अमेरिकी चार्टर्ड फाइनैंशियल एनालिस्ट को भारत में 7 जून 2009 को परीक्षा लेने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय के बाद हजारों छात्रों ने राहत की सांस ली है।
हालांकि दिसंबर 2009 में होने वाली परीक्षा के बारे में कोई दिशा निर्देश जारी नहीं किया गया है। एक घरेलू ब्रोकिंग कंपनी में काम करने वाले रवि राजा (परिवर्तित नाम) ने कहा, ‘यह खबर काफी राहत भरी है। इस निर्णय से न केवल हमारे पैसे और समय की बचत हुई है, बल्कि अब हमलोग परीक्षा की तैयारी निश्चिंत होकर कर सकते हैं।’
राजा जून में होने वाली लेवेल थ्री परीक्षा देने वाले हैं और उन्होंने बतौर फीस 32000 रुपये जमा किए हैं। सीएफए इंस्टीटयूट ने अपनी वेबसाइट में लिखा है, ‘इस निर्णय के बाद भारतीय छात्र सीएफए प्रोग्राम के लिए पंजीकरण करा सकते हैं और भारत में अपने केंद्रों पर परीक्षा दे सकते हैं।’ इंस्टीटयूट ने पिछले साल नए लड़कों के पंजीकरण पर रोक लगा दी थी।
संस्थान ने मुंबई में भारतीय छात्रों के लिए एक टेस्ट सेंटर की व्यवस्था की है। हालांकि मुंबई में टेस्ट सेंटर कहां होगा, अभी यह तय होना बाकी है। माना जा रहा है कि इस बार पिछले साल के मुकाबले कम छात्र परीक्षा में बैठेंगे। पिछले साल इस परीक्षा में 6000 छात्र उपस्थित हुए थे। इस बार का सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं हो पाया है।
सीएफए इंस्टीटयूट भारत की तकनीक शिक्षा विनियामक इकाई- ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेकि्कल एजुकेशन से कानूनी लड़ाई लड़ रही है। एआईसीटीई ने जब सीएफए को भारत में परीक्षा लेने पर रोक लगाई, तो संस्थान ने मई 2007 में एक याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर की।
न्यायालय ने सीएफए की याचिका खारिज कर दी और एआईसीटीआई से अनुमति लेने की बात कही, तब जाकर सीएफए ने एआईसीटीई से संपर्क किया।
