भारत के फलते फूलते दूरसंचार बाजार में अब ड्रैगन का दखल बढ़ सकता है।
दरअसल ग्राहकों के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर कंपनी चाइना मोबाइल भी यहां कदम रखने की योजना बना रही है और इसके लिए वह अधिग्रहण का रास्ता अख्तियार करना चाहती है। इस कंपनी के 45 करोड़ 70 लाख ग्राहक हैं।
मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस के दौरान चाइना मोबाइल के चेयरमैन और मुख्य कार्य अधिकारी वांग जियानझाउ ने कहा, ‘हम विस्तार के लिए भारत पर नजर गड़ा रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद उनकी कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है और इसके तहत भारत में अधिग्रहण की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
लेकिन वांग ने यह नहीं बताया कि इस सिलसिले में किसी भारतीय ऑपरेटर से उनकी बातचीत चल रही है या नहीं। उन्होंने यह जरूर कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अधिग्रहण से पहले उनकी कंपनी सभी पहलुओं का जायजा लेगी क्योंकि अभी चीनी बाजार में भी विकास की अच्छी संभावनाएं हैं।
न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध चाइना मोबाइल भारत के पड़ोसी देशों में पहले ही दबदबा कायम कर चुकी है। कंपनी ने 2007 में पाकिस्तान में पाकिस्तानी कंपनी पाकटेल को खरीद और उसका नाम बदलकर सीएमपाक कर दिया।
इस कंपनी की कीमत 46 करोड़ डॉलर लगाई गई थी। हाल ही में कंपनी ने पाकिस्तान में अपने कारोबार में 50 करोड़ डॉलर का निवेश करने की बात भी कही थी। इसके अलावा हांगकांग में भी उसका दखल है।
लेकिन भारत में पांव रखने से पहले उसे कई रुकावटों का सामना भी करना पड़ सकता है। सबसे बड़ी अड़चन तो राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है क्योंकि यह कंपनी पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी मोबाइल सेवा प्रदान करती है।
लेकिन एक अन्य विदेशी कंपनी टेलीनॉर भी भारत आ रही है।?टेलीनॉर का कारोबार भी पाकिस्तान में है, लेकिन उसे भारत आने की मंजूरी मिल चुकी है। इसीलिए उसकी तर्ज पर चाइना मोबाइल को मौका मिल सकता है।
ग्राहक हिंदुस्तानी, नेटवर्क चीनी
अब मोबाइल के जरिये ‘हिंदी-चीनी, भाई-भाई’
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी चाइना मोबाइल
भारतीय बाजार में अधिग्रहण की फिराक
पाकिस्तान में पहले से मौजूद
कुछ अड़चने भी हैं इस राह में