देश में हार्ली डेविडसन इंक के डीलरों ने आज कहा कि वे इस दिग्गज अमेरिकी मोटरसाइकिल ब्रांड के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता तलाश रहे हैं। कंपनी ने वृहत पुनर्गठन योजना के तहत प्रभावी तरीके से भारतीय बाजार से किनारा कर लिया है जिसको लेकर भारत के इसके डीलरों में नाराजगी है। मोटरसाइकिल कंपनी के एक डीलर ऋषि अग्रवाल ने कहा कि कई डीलरों ने दिग्गज कानूनी फर्म एजेडबी ऐंड पाटनर्स से संपर्क कर उसे हार्ली डेविडसन के साथ डीलरों के करार के कागजातों की समीक्षा कर उसके कानूनी पक्ष पर सलाह देने के लिए कहा है।
वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) की ओर से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हार्ली को हमारे नुकसानों की भरपाई करनी है। केवल यही एक विवाद की जड़ है। एजेडबी मामले का अध्ययन कर रही है।’
हार्ली डेविडसन ने इस मामले पर टिप्पणी करने के अनुरोध पर तुरंत प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस अमेरिकी कंपनी ने सितंबर में कहा था कि एक दशक तक भारत में पैर जमाने की कोशिश के बाद वह यहां मोटरसाइकिल की बिक्री और उत्पादन परिचालनों को बंद करेगी। इसके एक महीने बाद उसने भारत की हीरो मोटरकॉर्प के साथ वितरण को लेकर एक करार किया। हीरो मोटरकॉर्प ऐसी मोटरसाइकिल भी बनाएगी जिसे हार्ली डेविडसन ब्रांड के तहत बेचा जाएगा।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोटरबाइक और स्कूटर बाजार है लेकिन यहां ज्यादातर कम कीमत वाले मॉडलों की बिक्री होती है।
31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में हार्ली डेविडसन की सालाना बिक्री घटकर 2,470 मोटरसाइकिल रही थी जो पांच वर्ष पहले की 4,641 मोटरसाइकिलों के मुकाबले करीब आधी है। विगत तीन वर्ष में जनरल मोटर्स (जीएम), मैन ट्रक्स और यूएम मोटरसाइकिल ने भी भारत के बाजार से किनारा किया है जिससे लाखों डॉलर खर्च कर शोरूम तैयार करने वाले डीलरों के लिए अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न होती है। फाडा ने कहा कि हार्ली-डेविडसन की डीलरशीप लेने पर 5 करोड़ से 8 करोड़ रुपये की लागत आती है, कंपनी 10 फीसदी का मुआवजा दे रही है।
