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भारत में मोबाइल टैरिफ बढ़ाने की जरूरत, दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले काफी कम: Airtel CEO

एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि मुख्य रूप से नाइजीरियाई मुद्रा नायरा के अवमूल्यन के कारण मार्च तिमाही में उसका एकीकृत लाभ 31 प्रतिशत घटकर 2,072 करोड़ रुपये रहा।

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भाषा   
Last Updated- May 15, 2024 | 7:28 PM IST

भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने बुधवार को कहा कि देश के दूरसंचार उद्योग में शुल्क दरें दुनिया के अन्य देशों की तुलना में ‘काफी कम’ है। उन्होंने रिटर्न अनुपात बढ़ाने के लिए शुल्क दरों में बढ़ोतरी की वकालत की।

एयरटेल के चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजों के बारे में जानकारी देने के लिए ‘कांफ्रेन्स कॉल’ के दौरान विट्टल ने कहा कि वह वोडाफोन आइडिया की हाल की पूंजी वृद्धि को देखकर खुश हैं। उन्होंने कहा कि बाजार में सक्रिय तीन निजी कंपनियों के साथ देश में लोगों को अच्छी दूरसंचार सेवाएं मिलेंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘उद्योग को वास्तव में जिस रिटर्न की आवश्यकता है, वह शुल्क दर में वृद्धि पर आधारित है। यह वास्तव में आज की समस्या के मूल में है। हमारी कीमत और शुल्क दरें दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से की तुलना में बेहद कम स्तर पर हैं। इसलिए, रिटर्न अनुपात में सुधार के लिए शुल्क दर को बढ़ाना जरूरी है… इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह किस तकनीक से आता है।’’

विट्टल ने प्रतिद्वंद्वी वोडाफोन आइडिया (वीआईएल) के बड़े पैमाने पर कोष जुटाने के बारे में कहा कि वह यह देखकर खुश हैं कि वीआईएल ने पैसा जुटाया है और वह उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत में तीन कंपनियों हों तो लोगों को अच्छी सेवाएं मिलेंगी… यह हमें ध्यान रखना है कि यह एक अत्यंत प्रतिस्पर्धी बाजार है।’’

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विट्टल ने कहा कि अस्थिर दूरसंचार बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। ‘‘दीर्घकालीन स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए आपको क्रियान्वयन के मामले में अपने काम में शीर्ष पर रहना होगा।’’

एयरटेल ने मंगलवार को कहा कि मुख्य रूप से नाइजीरियाई मुद्रा नायरा के अवमूल्यन के कारण मार्च तिमाही में उसका एकीकृत लाभ 31 प्रतिशत घटकर 2,072 करोड़ रुपये रहा। आलोच्य तिमाही के दौरान सुनील मित्तल की अगुवाई वाली दूरसंचार कंपनी का एकीकृत आय 4.4 प्रतिशत बढ़कर 37,599.1 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 36,009 करोड़ रुपये थी।

भारती एयरटेल की प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) सालाना आधार पर आठ प्रतिशत बढ़कर 209 रुपये रहा। यह एक साल पहले इसी तिमाही में 193 रुपये था। दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में यह 208 रुपये था।

First Published : May 15, 2024 | 7:24 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)