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Google Play Store की बादशाहत हो सकती है खत्म, PhonePe ने लॉन्च किया Indus Appstore

Indus Appstore ऐप और गेम डेवलपर्स को इन-ऐप बिलिंग के लिए किसी भी थर्ड पार्टी के पेमेंट गेटवे को चुनने की परमिशन देता है।

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रत्न शंकर मिश्र   
Last Updated- February 21, 2024 | 8:20 PM IST

PhonePe launches Indus Appstore: भारत सहित दुनियाभर में एंड्रॉयड फोन में ऐप्स (Apps) को डाउनलोड करने के लिए सभी लोगों को Google Play Store का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन, आज यानी 21 फरवरी को Wallmart की फिनटेक कंपनी PhonePe ने मेड एन इंडिया Android app store लॉन्च कर दिया, जिसका नाम है इंडस ऐपस्टोर (Indus Appstore)।

पिछले एक साल से ऐप स्टोर को लेकर गूगल के एकाधिकार को समाप्त करने की बात समय-समय पर होती रही है। इस बीच, PhonePe का Indus Appstore भारत में एंड्रॉयड मार्केट में एक अहम रोल निभा सकता है और बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था का भी फायदा उठाया जा सकता है।

बयान जारी करते हुए PhonePe ने कहा कि Indus Appstore भारत के लिए ज्यादा प्रतिस्पर्धी और लोकलाइज्ड (स्थानीय) मोबाइल ऐप स्टोर इकनॉमी बनाने का PhonePe का प्रयास है, जो पहले से ही ग्लोबल लेवल पर सबसे बड़ा मोबाइल ऐप डाउनलोड मार्केट है।

कितने Apps रहेंगे मौजूद?

कंपनी के बयान के मुताबिक, Indus Appstore पर 45 कैटेगरीज के 2 लाख से ज्यादा ऐप मौजूद रहेंगे। एंड्रॉयड यूजर्स इन ऐप्स को 12 भारतीय भाषाओं में सर्च खोज पाएंगे। कंपनी ने कहा कि 12 भाषाओं में ये सुविधा उपलब्ध कराने के बाद 95 फीसदी भारतीयों तक पहुंच बनाई जा सकेगी।

कैसे करें Indus Appstore डाउनलोड?

Indus Appstore इस समय कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद है, जिसपर जाकर ऐंड्रॉयड यूजर्स डाउनलोड कर सकते हैं और इंस्टाल कर सकते हैं। Indus ने कहा कि अगर यूजर्स के पास ई-मेल आईडी नहीं है या वे उसे शेयर नहीं करना चाहते हैं तो भी कंपनी मोबाइल नंबर के जरिये लॉग-इन करने की सुविधा देगी।

ऐप डेवलपर्स को कितनी देना होगी फीस?

जैसा कि गूगल प्ले स्टोर के साथ विवाद चल रहा था कि कंपनी ऐप डेवलपर्स को थर्ड पार्टी के पेमेंट गेटवे से भुगतान करने की अनुमति नहीं देती है और डेवलपर्स से डिजिटल कंटेंट की बिक्री के लिए 15-30 फीसदी तक का कमीशन भी लेती है।

इस बीच, PhonePe ने आज अपना Indus Appstore लॉन्च करते हुए कहा कि वह ग्लोबल लेवल पर पहला कदम उठाते हुए, Indus Appstore App और गेम डेवलपर्स को इन-ऐप बिलिंग के लिए किसी भी थर्ड पार्टी के पेमेंट गेटवे को चुनने की परमिशन देता है, और अगर वे बाहरी पेमेंट गेटवे का उपयोग करते हैं तो उनसे कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा।

हालांकि, कंपनी ने कहा कि कुछ समय बाद, Indus अपना खुद का इन-ऐप बिलिंग और कैटलॉग सॉल्यूशन्स भी प्रदान करेगा, लेकिन ये ऐप डेवलपर्स के लिए पूरी तरह से ऑप्शनल रहेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर Indus का खुद का भी ऐप बिलिंग प्लेटफॉर्म भविष्य में आ जाता है तो ऐसी स्थिति में भी ऐप डेवलपर्स थर्ड पार्टी का सहारा ले सकते हैं।

रजिस्ट्रेसन शुरू

इसके अलावा, इंडस अपने प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन में तेजी लाने के लिए डेवलपर्स को एक साल के लिए जीरो लिस्टिंग फीस ऑफर कर रहा है। जीरो लिस्टिंग फीस का यह ऑफर 01 अप्रैल, 2025 तक डेवलपर्स के लिए मौजूद रहेगा।

PhonePe के CEO और फाउंडर समीर निगम ने कहा, कि Indus Appstore अभी की स्थिति को चुनौती देता है, मोबाइल ऐप मार्केट में ज्यादा बेहतर कंपटीशन के युग की शुरुआत करता है। फोनपे की इस पेशकश से ज्यादा भागीदारी और बेहतर भारतीय डिजिटल इकोसिस्टम बनाने में मदद मिलेगी।

गूगल के एकाधिकार पर चल रहे विवाद

गौरतलब है कि ऐप डेवलपमेंट की दुनिया में अब तक गूगल के एकाधिकार होने के कारण कई बार उसपर मनमानी करने का आरोप लगाया गया। 25 अक्टूबर, 2022 में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्ले स्टोर नीतियों को लेकर अपनी दबदबे का स्थिति का दुरुपयोग करने के लिए गूगल पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। CCI ने कंपनी को अनुचित व्यावसायिक व्यवहार से बचने को भी कहा था।

हालांकि, बाद में नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट (NCLAT) ने बाद में मार्च 2023 में इस निर्देश को रद्द कर दिया।

First Published : February 21, 2024 | 8:05 PM IST