गोदरेज समूह अपनी फंड प्रबंधन इकाई गोदरेज फंड मैनेजमेंट (जीएफएम) के जरिये को-वर्किंग क्षेत्र में कदम रख रहा है। गोदरेज समूह की रियल एस्टेट निजी इक्विटी इकाई अपनी ऑफिस प्रॉपर्टी प्रोफाइल में को-वर्किंग के लिए खुद का एक ब्रांड तैयार करने की योजना बना रही है ताकि इस क्षेत्र में भविष्य की मांग को भुनाया जा सके।
हालंाकि कोविड वैश्विक महामारी के कारण को-वर्किंग क्षेत्र को तगड़ा झटका लगा है लेकिन जानकारों का कहना है कि आगामी तिमाहियों में इस श्रेणी की मांग में सुधार होने की उम्मीद है क्योंकि लोग और कंपनियां प्रॉपर्टी संबंधी लागत बचाने की संभावनाएं तलाश रही हैं।
जीएफएम के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी करण बोलारिया ने कहा, ‘हम अपने ऑफिस प्रॉपर्टी वाले पोर्टफोलियो में को-वर्किंग के लिए जगह तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसकी स्थापना पर खुद अपनी पूंजी और संसाधनों का उपयोग करेंगे। इसके लिए एक अलग टीम होगी।’ जीएफएम की मुंबई ठाणे, गुडग़ांव, पुणे और बेंगलूरु में छह ऑफिस प्रॉपर्टी है जिनका कुल आकार करीब 50 लाख वर्ग फुट है। कंपनी अपने नए फंड के जरिये 30 लाख वर्ग फुट अतिरिक्त जगह तैयार करने की योजना बना रही है। सलाहकारों ने कहा कि आमतौर पर 5,000 वर्ग फुट की प्रॉपर्टी पर 1.5 से 2 करोड़ रुपये की लागत आती है क्योंकि फिट आउट लागत लगभग 3,000 रुपये प्रति वर्ग फुट होगी और किराया लागत इसके अतिरिक्त होगी। हाल में कंपनी ने अपने 50 करोड़ डॉलर के ऑफिस प्रॉपर्टी फंड के लिए नीदरलैंड की कंपनी एपीजी ऐसेट मैनेजमेंट से 20 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। यह उस फंड का पहला चरण है। गोदरेज समूह ने गोदरेज बिल्ड टु कोर (जीबीटीसी) 2 नामक फंड में $5 करोड़ डॉलर डाले हैं।
फंड मैनेजर इस साल के अंत तक इसके दूसरे और अंतिम चरण को पूरा करने की योजना बना रही है। इसके अलावा वह डेटा सेंटर में निवेश करने की भी संभावनाएं तलाश रही है।
वीवर्क और कोवक्र्स को-वर्किंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां हैं। केनेडा की कंपनी ब्रुकफील्ड ऐसेट मैनेजमेंट ने हाल में बेंगलूरु की कंपनी आरएमजेड ग्रुप से कोवक्र्स को खरीदा है।
