वित्त वर्ष 23 में खरीद के 2 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छूने के बाद सरकार का ई मार्केटप्लेस (जेम) वित्त वर्ष 24 में वस्तुओं और सेवाओं के 2.5 लाख करोड़ रुपये की खरीद का लक्ष्य रख सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि लक्ष्य में सालाना 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 23 में जेम (Government e-Marketplace- GeM) ने करीब 100 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य हासिल किया है। साथ ही काम की खरीद से भी वृद्धि आने की संभावना है। वित्त वर्ष 22 में 1.06 लाख करोड़ रुपये की खरीद हुई थी। अब जेम परिवक्वता की ओर बढ़ रहा है। सरकार को पोर्टल की क्षमता को लेकर ज्यादा भरोसा है।’
इस समय सिर्फ वस्तुओं और सेवाओं के प्रदाता जेम पोर्टल पर पंजीकृत हैं, जिसे सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए 2016 में शुरू किया गया था।
अधिकारी ने कहा, ‘इस कदम से सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता बढ़ेगी, लागत कम होगी और खरीदारी का समय घटेगा। इस पोर्टल में तेजी दिख रही है। पिछले वित्त वर्ष के आखिरी 15 दिन में हर रोज 35,000 से 40,000 लेनदेन हुई, इसके बावजूद पोर्टल में कोई दिक्कत नहीं आई।’
भारत में काम की खरीद करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है। काम में सड़कों और भवन का निर्माण, बड़े प्लांट लगाना और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। इस समय जेम पोर्टल पर इन कामों की खरीद की सुविधा नहीं है।
काम की खरीद इस समय मुख्य रूप से केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल (CPPP) द्वारा किया जाता है। इसका इस्तेमाल रक्षा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और सरकार द्वारा संचालित फर्में जैसे NHAI, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) और एनटीपीसी (NTPC) भी करते हैं।
इसके अलावा रेलवे, संबंधित राज्य सरकारों और CPSE जैसे तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम अपने अलग पोर्टल चलाते हैं।
अधिकारी ने आगे कहा कि पोर्टल की वृद्धि अन्य 2 क्षेत्रों- सेवा और राज्यों की ओर से भी आएगा। सरकार ने पोर्टल पर और सेवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। साथ ही राज्य भी ज्यादा भरोसे और विश्वास के साथ पोर्टल से जुड़ रहे हैं।