हवाई यात्रा करने के लिए अब आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि घरेलू बाजार की प्रमुख एयरलाइंस कंपनियों ने मूल किराए में 3000 रुपये तक की बढ़ोतरी की घोषणा की है।
किराया बढ़ाने वाले एयरलाइंसों में जेट एयरवेज, एयर इंडिया और किंगफिशर शामिल हैं। उद्योग जगत के सूत्रों के मुताबिक, ये विमानन कंपनियां शुक्रवार से ही किराए में बढ़ोतरी कर सकती है। यही नहीं, लो-कॉस्ट एयरलाइंस कंपनियों ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए किराए में बढ़ोतरी की घोषणा की है।
हालांकि इन कंपनियों ने मूल किराए में 300 से 500 रुपये तक की बढ़ोतरी का मन बनाया है। सूत्रों के मुताबिक, किराया बढ़ने के बाद यात्रियों को 750 किलोमीटर की यात्रा के लिए अतिरिक्त 1000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा, जबकि 750 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करने पर 2,250 रुपये अधिक किराया चुकाना होगा।
यही नहीं, 1000 किलोमीटर से ज्यादा यात्रा करने पर यात्रियों को किराए के रूप में 3000 रुपये तक ज्यादा कीमत चुकानी होगी। खास बात यह कि किराए में यह बढ़ोतरी मूल किराए में की गई है, न कि टैक्स और ईंधन सरचार्ज के रूप में। किराए में वृद्धि की यह घोषणा विमानन कंपनियों की ओर से उस समय की गई है, जबकि एयरलाइंस कंपनियों को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है।
ईंधन की बढ़ती कीमत और यात्रियों की घटती संख्या की वजह से वर्ष 2007-08 में एयरलाइंस कंपनियों को करीब 4000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। जानकारों का मानना है कि नुकसान की यही रफ्तार रही, तो विमानन कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में इससे दोगुना घाटा उठाना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनियों ने इस महीने की शुरुआत में ही एयर टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) की कीमतें बढ़ने से हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए 300 से 550 रुपये तक किराए में बढ़ोतरी की थी।
घरेलू एयरलाइंसों ने 3000 रुपये तक किराया बढ़ाने की घोषणा की
लो-कॉस्ट एयरलाइंस ने भी 500 रुपये तक किराया बढ़ाया
नई दरें शुक्रवार से हो सकती हैं लागू