अगले साल भारतीय बाजार में टेस्ला के प्रस्तावित प्रवेश से इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल सकता है और इस वाहन को अपनाने को लेकर भी सकारात्मकता देखने को मिल सकती है। हालांकि इसकी कीमतें 55-60 लाख रुपये से शुरू होने की संभावना है और ऐसे में यह सिर्फ संपन्न तबकों के लिए ही होगा। शुरुआती कारोबार के लिए टेस्ला ने आयातित मार्ग चुना है और ऐसे में इस पर काफी ड््यूटी लगेगी। साथ ही यह फेम योजना की भी पात्र होगी। सोमवार को इंडियन एक्सप्रेस ने खबर दी थी कि केंद्रीय भूतल परिवहन व राजमार्ग मंत्री व एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टेस्ला साल 2021 के शुरू में अपने परिचालन का आरंभ करेगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी और किफायती मॉडल टेस्ला मॉडल 3 भी ला सकती है। ईवाई इंडिया के ऑटोमोटिव सेक्टर लीडर विनय रघुनाथ ने कहा, निस्संदेह भारतीय बाजार में टेस्ला के प्रवेश से इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर काफी उत्साह देखने को मिलेगा लेकिन इसमें अभी कुछ देर है। उनके मुताबिक, कुछ ओईएम की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान (जो पहले ही बाजार में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके हैं) से इस क्षेत्र में रफ्तार का बेहतर संकेतक हो सकता है। कुछ कंपनियों की महत्वाकांक्षी योजना है और वे अपने ईवी पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहती हैं और अपनी कीमत को भारतीय ग्राहकों के हिसाब से रखने पर भी गहनता से विचार कर रही हैं। रघुनाथ ने कहा, ऐसे में टेस्ला का प्रवेश स्वागतयोग्य है, लेकिन इस क्षेत्र में उतारचढ़ाव की कई अन्य वजहें होंगी।
आईएचएस मार्किट के निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, टेस्ला का प्रवेश व्यक्तिगत वाहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहन के चयन के लिहाज से अहम होगा। टाटा नेक्सॉन, एमजी जेडएस, हुंडई कोना समेत कुछ विनिर्माताओं के कुछ मॉडल हैं, लेकिन इस क्षेत्र में काफी गुंजाइश है। पिछले साल भारत ने 3,000 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे और इस वित्त वर्ष की समाप्ति सालाना आधार पर गिरावट के साथ कर सकती है। यह कहना है सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल के अध्यक्ष सोहिंदर गिल का। उन्होंने कहा, भारत में पर्याप्त ऐसे लोग होंगे जो टेस्ला की कार खरीदना चाहेंगे। इस ब्रांड के प्रवेश से इलेक्ट्रिक वाहन को मजबूती मिलेगी।
निश्चित तौर पर भारतीय बाजार टेस्ला के लिए अहम बाजार है लेकिन यह उसके लिए 10 अग्रणी बाजारों में नहीं है। विश्लेषकों ने कहा, भारत में प्रवेश से फर्म को बाजार को समझने में मदद मिलेगी। भारत के लिए अपनी रणनीति के दूसरे चरण में टेस्ला पूरी दुनिया के लिए स्थानीय मॉडल तैयार करने का विकल्प चुन सकती है। यह कहना है कंपनी की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति का। कंपनी साल 2023 से स्थानीय तौर पर निर्मित मॉडल बेचना शुरू कर सकती है, ऐसा साल जब फेम योजना का तीसरा चरण प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ईवी के लिए विकास का चक्र इंटरनल कंबस्टन इंजन वाले वाहनों के मुकाबले काफी छोटा होता है।
