वित्तीय व परिचालन हानि में चल रही सरकारी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को नई ‘सुधार से जुड़ी वितरण व्यवस्था’ के तहत बदलाव के लिए 5 साल और मिल सकते हैं। उदय योजना के तहत 2015 में सुधार के लिए 5 साल का लक्ष्य रखा गया था, जिसे 2024-25 तक बढ़ाया जा सकता है।
पहले की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की सुधार योजना उदय की अवधि वित्त वर्ष 20 में पूरी हो गई। ज्यादातर राज्य लक्ष्य हासिल करने में असफल रहे। अपर्याप्त व्यवस्था के कारण सकल तकनीकी व वाणिज्यिक हानि (एटीऐंडसी) या बिजली आपूर्ति नुकसान 15 प्रतिशत कम होने और औसत लागत राजस्व (एसीएस-एएआर) अंतर वित्त वर्ष 20 तक शून्य करकने का लक्ष्य रखा गया था।
बहरहाल उदय पोर्टल के मुताबिक इस समय एटीऐंडसी हानि 23.9 प्रतिशत है और लागत राजस्व अंतर 0.53 पैसे हैं। वित्त वर्ष 20 से सबी वितरण कंपनियों के अंतिम उपलब्ध आंकड़ों के राष्ट्रीय औसत और वित्त वर्ष 21 की पहली तिमाही में 6 राज्यों के सांकेतिक आंकड़ों से यह सामने आता है।
राज्यों के बिजली मंत्रियों के सम्मेलन में जुलाई में केंद्रीय बिजली मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि सुधार से जुड़ी वितरण व्यवस्था की अंतिम तिथि 2024-25 होगी। उन्होंने कहा, ‘योजना का मुख्य मकसद 2024-25 तक बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना, वित्तीय व परिचालन संबंधी प्रदर्शन में सुधार और एटीऐंडसी हानि घटाकर 12-15 प्रतिशत लाना व एसीएस-एएआर अंतर शून्य करना है।’
बिजनेस स्टैंडर्ड ने बैठक का ब्योरा देखा है। बिजली मंत्रालय ने अपनी प्रस्तुति में कहा है कि योजना के तहत धन डिस्कॉम की उपलब्धियों के अनुपात में जारी किया जाएगा, जिसे लेकर कार्ययोजना में सहमति बनी है। उदय भी इसी तरह की डिजाइन थी, जिसमें योजनाओं के लिए फंड और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए जाने वाले कर्ज को डिस्कॉम के घाटे में कमी से जोड़ा गया था।
सूत्रों ने कहा कि इस योजना पर 2 से 2.5 लाख करोड़ रुपये पूंजी का आवंटन हो सकता है, जिसके तहत बेहतर बुनियादी ढांचा तैयार करने, स्मार्ट मीटर लगाए जाने, निजी फ्रेंचाइजी मॉडल तैयार करने पर काम होगा।
आईडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मोहित कुमार ने कहा, ‘भारत एक और डिस्कॉम सुधार की ओर बढ़ रहा है। उम्मीद है कि नए सुधार में उदय-1 से मिली सीख को शामिल किया जाएगा। यह वक्त की मांग है कि नई व्यवस्था में पर्याप्त प्रोत्साहन व जुर्माने का प्रावधान किया जाए।’
