महंगाई की वजह से नदारद हो रहे ग्राहकों ने तमाम कंपनियों के भी पसीने छुड़वा दिए हैं।
इसलिए ग्राहकों को वापस बुलाने के लिए कंपनियों ने कई तरह की छूट और रियायत से भरे आकर्षक ऑफरों की बौछार कर दी है।
चाहे ऑटोमोबाइल क्षेत्र हो या कंज्यूमर डयूरेबल्स या फिर रियल एस्टेट ही क्यों न हो, मानसून में बादलों के साथ ऑफरों ने भी बरसना शुरू कर दिया है। वाहन उद्योग की बात करें, तो देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपने तमाम मॉडलों की खरीद पर नकद छूट दे रही है।
कंपनी के प्रवक्ता पुनीत धवन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मारुति 800 से लेकर प्रीमियम वर्ग तक की कारों पर कंपनी छूट दे रही है, जो लगभग 15,000 रुपये से शुरू हो जाती है। उन्होंने कहा, ‘जब बिक्री में मुश्किल आती है और माहौल भी ग्राहकों के लिए अनुकूल नहीं होता, तो कंपनियों को ऐसे कदम उठाने ही पड़ते हैं।’ इसके अलावा, मारुति अपनी नई कार डिजायर के लिए बुकिंग करा चुके ग्राहकों को डिलीवरी नहीं होने तक बुकिंग राशि पर ब्याज देने का भी ऐलान कर चुकी है।
कार के मैदान की एक और बड़ी खिलाड़ी हुंडई मोटर्स ने वाहन खरीद पर ग्राहकों को ईंधन वाउचर्स देने शुरू कर दिए हैं। कंपनी के कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस प्रमुख राजीव मित्रा ने बताया कि इन वाउचर्स के जरिए विभिन्न पेट्रोल पंपों पर खरीदार मुफ्त में पेट्रोल भरवा सकते हैं। अलग-अलग वाहनों की खरीद पर अलग-अलग मूल्य के वाउचर्स कंपनी की ओर से दिए जा रहे हैं। इसी तरह टाटा मोटर्स के सूत्रों ने बताया कि व्यावसायिक वाहनों पर नकद छूट दी जा रही है और यात्री वाहनों के लिए ब्याज दर बैंकों के मुकाबले कुछ कम रखने पर विचार हो रहा है।
कंज्यूमर डयूरेबल्स कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने विभिन्न उत्पादों को फाइनेंस कराने की हालत में प्रॉसेसिंग शुल्क खुद वहन करने की योजना शुरू की है। कंपनी की महाप्रबंधक (स्ट्रैटेजी एंड प्लानिंग) रुचिका बत्रा ने कहा, ‘ ग्राहकों के लिए हम भी नई पेशकश कर रहे हैं। इनके तहत खरीदार महज 1 रुपये का डाउन पेमेंट कर हमारे महंगे उत्पाद ले जा सकते हैं। बाकी रकम वे मासिक किश्तों में अदा करेंगे, जिस पर किसी तरह का ब्याज या प्रॉसेसिंग शुल्क नहीं देना पड़ेगा।’
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की दूरसंचार इकाई काफी समय से अपने हैंडसेट्स पर छूट दे रही है। उसके हैंडसेट्स के साथ 2 जीबी तक के मेमोरी कार्ड भी बेहद कम कीमत में दिए जा रहे हैं। महंगाई का सबसे बुरा असर रियल एस्टेट के कारोबारियों पर पड़ा है। लागत बढ़ने की वजह से हालांकि इनमें से कई को फ्लैटों के दाम भी बढ़ाने पड़े हैं। लेकिन खरीदारों को रिझाने के लिए वे भी कमर कस चुके हैं। कई डेवलपर खरीदारों को बुकिंग राशि पर अच्छा खासा ब्याज दे रहे हैं और नकद खरीद पर तगड़ी छूट भी देने को तैयार हैं। इसके अलावा होम लोन की दर बढ़ने के बाद कई डेवलपर ब्याज का बड़ा हिस्सा खुद भरने की योजना बना रहे हैं।