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अगले वित्त वर्ष में वा​णि​ज्यिक वाहन बिक्री पड़ सकती है मंद

वाणिज्यिक वाहन उद्योग वित्त वर्ष 24 का समापन दो से पांच प्रतिशत की बिक्री वृद्धि के साथ करेगा, लेकिन वित्त वर्ष 25 के दौरान इसमें चार से सात प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

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सोहिनी दास   
Last Updated- February 25, 2024 | 11:16 PM IST

देश में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान घटने की आशंका है क्योंकि यह क्षेत्र नरमी के दौर में प्रवेश कर रहा है। विश्लेषकों ने यह अनुमान जताया है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार इस बात के आसार हैं कि वाणिज्यिक वाहन उद्योग वित्त वर्ष 24 का समापन दो से पांच प्रतिशत की बिक्री वृद्धि के साथ करेगा, लेकिन वित्त वर्ष 25 के दौरान इसमें चार से सात प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।

इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) शमशेर दीवान ने कहा कि वाणिज्यिक वाहन उद्योग की मांग में बार-बार उतार-चढ़ाव होता रहता है। तीन साल तेजी का चक्र रहता है और उसके बाद दो साल गिरावट का चक्र होता है।

दीवान ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘हमें वित्त वर्ष 25 में वाणिज्यिक वाहनों की मांग में बड़े स्तर पर नरमी के आसार दिख रहे हैं, खास तौर पर मध्य और भारी वाणिज्यिक वाहनों (एमएचसीवी) और हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) के लिए। डीलरों के पास बिना बिके वाहनों की संख्या पहले से ही अधिक है।’

दीवान ने कहा कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के दौरान मांग में नरमी आएगी, क्योंकि वाहन बेड़े के परिचालक ऑर्डर देने से पहले खर्च पर चुनाव के असर का आकलन करने के लिए इंतजार करेंगे। हाल ही में वाणिज्यिक वाहनों की मांग बढ़ाने वाला सरकारी खर्च चुनाव के आसपास धीमा पड़ जाएगा, क्योंकि आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। मॉनसून के बाद मांग बढ़ने की उम्मीद है। ऑटोमोटिव ओरिजनल इक्विपमेंट के विनिर्माता इससे सहमत दिख रहे हैं।

टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक (वाणिज्यिक वाहन कारोबार प्रमुख) गिरीश वाघ ने कहा, ‘तीसरी तिमाही के दौरान सरकार के खर्च में कुछ गिरावट आई है। पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों का भी कुछ असर पड़ा है। इसलिए ऐसी संभावना है कि चौथी तिमाही में वृद्धि कुछ प्रभावित होगी।’

वाघ ने कहा, ‘आम चुनाव के चलते अगले साल की पहली तिमाही कुछ नरम रहेगी और उससे अगली तिमाही पर भी ऐसा ही असर देखने को मिलेगा। लेकिन यह आम बात है। जब भी आम चुनाव होते हैं तो उनका प्रभाव तीन से छह महीने तक दिखाई देता है।’

पिछले सप्ताह अशोक लीलैंड के कार्यकारी चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘चुनाव के दौरान कुछ मंदी आ सकती है, लेकिन वाणिज्यिक वाहन उद्योग बहुत मजबूत स्थिति में है। इसलिए चुनाव बाद अर्थव्यवस्था ठोस तरीके से वृद्धि करेगी। नतीजतन हम अपने सेगमेंट में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं।’

First Published : February 25, 2024 | 11:16 PM IST