कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड, जिसे जाइडस कैडिला के नाम से भी जाना जाता है, ने गुरुवार को घोषणा की कि उसने कोविड-19 के मरीजों पर अपनी जैविक चिकित्सा पेजीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2बी, पेजीहेपटीएम के दूसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
अब भारत में तीसरे चरण के परीक्षण का मार्ग प्रशस्त करते हुए कैडिला ने कहा है कि मध्य स्तर की कोविड-19 बीमारी वाले 40 मरीजों पर ओपन-लेबल आकस्मिक संतुलक नियंत्रित अध्ययन का आयोजित किया गया था। इनमें से परीक्षण किए जाने वाले 95 प्रतिशत जिन मरीजों ने मानक देखभाल (एसओसी) के साथ पेजीहेपटीएम की एक खुराक ली थी, वे 14वें दिन आरटी-पीसीआर द्वारा किए आकलन में वायरस मुक्त हो गए, जबकि जिन मरीजों को केवल एसओसी मिला था, उनमें से केवल 68 प्रतिशत मरीज ही आरटी-पीसीआर में नेगेटिव रहे।
इससे पहले कंपनी ने कहा था कि वह कोविड-19 टीके के उमीदवार जाइकोव-डी पर काम कर रही है जिसमें कैडिला हेल्थकेयर को दिसंबर तक तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करने की उमीद है। कहा जा रहा है कि कंपनी कोविड-19 के इलाज के लिए भारत को आपूर्ति करने की खातिर प्रति वर्ष 10 करोड़ खुराकों की उत्पादन क्षमता वाले केंद्र स्थापित कर रही है।
कैडिला हेल्थकेयर के अनुसार अध्ययन से इस बात का संकेत मिला है कि पेजीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा-2बी मध्य स्तर के कोविड-19 से पीडि़त मरीजों पर वायरल का दबाव कम करते हुए लाभकारी प्रभाव डाल सकती है। इससे ऑक्सीजन सपोर्ट की अवधि कम करने जैसे बेहतर रोग प्रबंधन की दिशा में मदद मिलती है।
