हाल ही में बायजू ने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थता जताई थी। क्योंकि निवेशकों के साथ कानूनी विवाद के चलते राइट निर्गम की राशि अलग खाते में ब्लॉक हो गई है।
अब इसी मामले को लेकर एडटेक कंपनी बायजू अपने फंड के एक हिस्से को,जो वर्तमान में अदालत के आदेश के तहत एस्क्रो में है, वेतन देने में इस्तेमाल करने के लिए अगले हफ्ते नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की बेंगलुरु बेंच जा सकती है। इस बारे में मिंट ने मामले के एक जानकार के हवाले से ये जानकारी दी है। मामले के जानकार व्यक्ति ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर मिंट को बताया कि कंपनी का मासिक वेतन व्यय लगभग 10 मिलियन डॉलर है।
हालांकि बायजू की तरफ से मुद्दे पर टिप्पणी के अनुरोधों का कोई जवाब नहीं दिया गया है।
CEO ने कर्मचारियों को बताया वेतन देने में असर्मथता का कारण
बता दें, शनिवार को ही संस्थापक बायजू रवींद्रन द्वारा पूरी कंपनी के कर्मचारियों को ईमेल भेजा गया था जिसमें कहा गया था कि कंपनी को अपने लगभग 20,000 कर्मचारियों को फरवरी का वेतन देने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
रवींद्रन ने Byju’s कर्मचारियों को लिखा पत्र
रवींद्रन ने कर्मचारियों को एक पत्र के जरिए कहा कि एक महीने पहले जारी किया गया राइट निर्गम सफलतापूर्वक पूरा हो गया है।
उन्होंने कहा, ”इसे एक सुखद घटनाक्रम माना जा रहा था। आखिरकार, अब हमारे पास अपनी अल्पकालिक जरूरतों को पूरा करने और देनदारियों को चुकाने के लिए धन था। हालांकि, मुझे आपको यह बताते हुए खेद है कि हम अभी भी आपका वेतन भुगतान करने में असमर्थ है।” न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा ने इस पत्र को देखा है।
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इस पत्र में रवींद्रन ने कर्मचारियों से कहा कि कंपनी अभी भी यह कोशिश कर रही है कि सभी की सैलरी का भुगतान 10 मार्च तक कर दिया जाए।
रवींद्रन ने कहा, ”हम भुगतान उसी समय कर सकेंगे, जब हमें कानून के मुताबिक ऐसा करने की अनुमति मिलेगी।”
रवींद्रन ने आगे कहा कि पिछले महीने कंपनी को पूंजी की कमी के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, और ”अब हम धन होने के बावजूद देरी का सामना कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, ”दुर्भाग्य से, कुछ चुनिंदा लोग (हमारे 150 से अधिक निवेशकों में चार) निर्मम रूप से गिर गए हैं, जिनकी वजह से हम आपकी मेहनत की कमाई का भुगतान करने के लिए जुटाए गए धन का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि राइट निर्गम के माध्यम से जुटाई गई राशि इस समय एक अलग खाते में बंद है।
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बता दें कि फरवरी महीने की शुरुआत में, एडटेक फर्म के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी बैजू रवींद्रन ने कहा था कि कंपनी ने पिछले दो दिनों के दौरान कर्मचारियों को जनवरी का सभी बकाया वेतन दे दिया है। इसकी जानकारी 4 फरवरी को भी भेजे गए अन्य पत्र में कर्मचारियों को दी गई थी।
NCLT का निर्देश
राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (NCLT) ने 27 फरवरी के अपने आदेश में बैजूस को निर्देश दिया कि उसे राइट्स इश्यू से जो पैसा मिला है, उसे एस्क्रो खाते में रखे।
सूत्रों का कहना है कि इस पैसे को तब तक नहीं निकाला जा सकेगा, जब तक कि मामला सुलझ नहीं जाता। यह कंपनी के चार निवेशकों द्वारा बैजूस के खिलाफ दायर उत्पीड़न और कुप्रबंधन संबंधित याचिका का हिस्सा है।
इस मामले से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘राइट्स इश्यू के जरिये हासिल होने वाली रकम से कंपनी को अगले कुछ महीनों तक परिचालन जारी रखने में मदद मिल सकती थी। लेकिन अब मामला निपटने तक इस पैसे को नहीं निकाला जा सकेगा।’