वर्ष 2018 के दौरान अपने हैंडसेट की बिक्री बढ़ाने के लिए संघर्ष करने के बाद प्रमुख उपभोक्ता प्रौद्योगिकी कंपनी ऐपल ने आखिरकार अपने भारतीय कारोबार में दमदार वापसी की है। आईफोन, आईपैड और मैकबुक जैसे लोकप्रिय स्मार्ट उपकरणों की बिक्री करने वाली इस कंपनी ने 2019-20 के दौरान अपने राजस्व और मुनाफे में दमदार वृद्धि दर्ज करने में कामयाब रही।
टोफलर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, ऐपल इंडिया का परिचालन राजस्व 3,623 करोड़ रुपये रहा जो वर्ष 2018-19 के मुकाबले 29 फीसदी अधिक है। कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले वर्ष के मुकाबले 253 फीसदी बढ़कर 926.3 करोड़ रुपये हो गया।
इन आंकड़ों से कंपनी के कारोबार में वी आकार में सुधार दिख रहा है। वित्त वर्ष 2019 में कंपनी के राजस्व और मुनाफे में गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2020 के दौरान उसमें उछाल आया। वित्त वर्ष 2019 में कंपनी का परिचालन राजस्व वित्त वर्ष 2018 के 13,049 करोड़ रुपये के मुकाबले 19.2 फीसदी घट गया था जबकि शुद्ध लाभ 896.3 करोड़ रुपये से 71 फीसदी कम हो गया था।
वित्त वर्ष 2020 के अंत में ऐपल इंडिया की कुल परिसंपत्ति बढ़कर 7,113 करोड़ हो गई। मार्च 2019 की के मुकाबले कंपनी की कुल परिसंपत्ति में 44.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जो यह अब तक की सर्वाधिक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी को यह सफलता अचानक ही नहीं मिल गई है। भारत के लिए उसकी नई रणनीति ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। कंपनी ने अपनी नई रणनीति के तहत नए उत्पादों को लॉन्च करने के लिए वैश्विक एवं भारतीय बाजार के लिए तिथियों में अंतर को कम कर दिया, रिलायंस जियो के साथ स्थानीय बाजार में करार के जरिये वितरण को रफ्तार दी और कीमत को भारतीय बाजार के अनुकूल बनाया। इसके अलावा आईफोन मॉडलों का स्थानीय तौर पर उत्पादन शुरू किए जाने से भी उसे काफी फायदा हुआ।
ऐपल ने 2019 में आईफोन 11 शृंखला के शुरुआती मूल्य को 15 फीसदी घटाकर 64,500 रुपये कर दिया जो पिछले कई वर्षों की सबसे कम कीमत थी। इसके अलावा 2019 के मध्य से स्थानीय तौर पर उत्पादित आईफोन एक्सआर के साथ कंपनी और अधिक कीमत घटाने में सफल रही।
जुलाई से सितंबर 2019 तिमाही के दौरान ऐपल ने भारत में अपनी अब तक की सबसे अधिक बिक्री दर्ज की। कंपनी के सीईओ टिम कुक ने कहा कि त्योहारी तिमाही के दौरान बिक्री में दो अंकों की वृद्धि दर्ज की गई।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, तिमाही के दौरान ऐपल सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाले स्मार्टफोन ब्रांड में शामिल हो गई। कंपनी को उसके आईफोन एक्सआर मॉडल की कीमतों में कटौती से रफ्तार मिली। एक्सआर जैसे नए मॉडल के स्थानीय उत्पादन से कंपनी को कीमत घटाने में मदद मिली।
