ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से भेदिया कारोबार के मामले में फ्यूचर रिटेल की जांच करने का आग्रह किया है। एमेजॉन ने सेबी को इस बारे में पत्र लिखा है। एमेजॉन और फ्यूचर के बीच कानूनी लड़ाई चल रही है। ई-कॉमर्स कंपनी नहीं चाहती कि उसका कारोबारी साझेदार प्रतिद्वंद्वी रिलायंस रिटेल के कारोबार का हिस्सा बने।
एमेजॉन ने सेबी से फ्यूचर समूह की रिटेल, लॉजिस्टिक्स और अन्य संपत्तियों को 3.4 अरब डॉलर में खरीदने के लिए रिलायंस के साथ अगस्त में किए गए सौदे की समीक्षा करे। एमेजॉन का तर्क है कि 2019 में फ्यूचर के साथ किए गए समझौते के तहत फ्यूचर अपनी रिटेल संपत्तियों को रिलायंस सहित किसी अन्य अन्य पक्ष को नहीं बेच सकती है। एमेजॉन ने 8 नवंबर को सेबी को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि फ्यूचर रिटेल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को कीमत से संबंधित संवेदनशील ब्योरे का खुलासा किया है और सिंगापुर की मध्यस्थता अदालत ने इस सौदे पर अंतरिम रोक लगाई है।
मीडिया की खबरों के मुताबिक सौदे पर रोक 25 अक्टूबर को लगाई गई थी और एमेजॉन ने संक्षिप्त बयान में इस निर्णय का स्वागत किया था। उसी दिन रिलायंस ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि उसे मध्यस्थता आदेश की जानकारी दी गई है और वह बिना देरी के फ्यूचर सौदे को पूरा करने के अपने अधिकार का उपयोग करेगी।
फ्यूचर समूह के प्रवक्ता ने पत्र में लगाए गए आरोपों से इनकार किया और कहा कि रोक की खबर रविवार (25 अक्टूबर) को सार्वजनिक डोमेन में थी। इस बारे में जानकारी के लिए रिलायंस और सेबी से संपर्क किया गया लेकिल कोई जवाब नहीं आया। एमेजॉन ने पत्र के बारे में कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
फ्यूचर रिटेल का कहना है कि एमेजॉन के साथ पिछले साल केवल फ्यूचर समूह की एक अलग इकाई के लिए समझौता किया गया था। फ्यूचर ने कहा कि वह मध्यस्थता आदेश की समीक्षा कर रहा है और इसे भारतीय अदालत में चुनौती दी जा सकता है।
एमेजॉन ने बुधवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि फ्यूचर रिटेल के खिलाफ सिंगापुर मध्यस्थता अदालत का आदेश वैध है और ई-कॉमर्स दिग्गज को इसके बारे में सांविधिक निकायों को सूचित करने का अधिकार है।
एमेजॉन का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमणयम ने कहा कि फ्यूचर रिटेल द्वारा दायर मुकदमा संदेहास्पद है और यह सुनवाई योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि फ्यूचर रिटेल ने आपात मध्यस्थता के समक्ष सुनवाई में भागीदारी की थी और फ्यचूर समूह की ओर से मध्यस्थत नियुक्त किए जाने तक अंतरिम आदेश पारित नहीं करने की अपील की थी। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि आपात मध्यस्थता का अंतरिम आदेश अवैध है और कंपनी के लिए बाध्यकारी नहीं है।
सिंगापुर के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र ने 2अंतरिम आदेश में एमेजॉन के पक्ष में निर्णय दिया था और फ्यूचर रिटेल को प्रतिबंधित पक्ष को कोई भी परिसंपत्ति बेचने या प्रतिभूति जारी करने से मना कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय में गुरुवार को भी इस मामले की सुनवाई होगी।
