एयर इंडिया अगले चार साल के भीतर अपने फ्लाइंग रिटर्न्स फ्रीक्वेंट-फ्लायर कार्यक्रम के तहत मौजूदा 40 लाख सदस्यों को बढ़ाकर दो करोड़ तक करने की योजना बना रही है। विमानन कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
फिलहाल इस कार्यक्रम में 35 से अधिक कंपनियों के साथ साझेदारी है, जिसमें एयर इंडिया से बाहर 25 विमानन कंपनियां भी शामिल हैं, जो स्टार अलायंस समूह का हिस्सा हैं। अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया का लक्ष्य मार्च के अंत तक अपने साझेदारों की संख्या 50 से अधिक करना है।
हाल ही में कुल 470 विमानों का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा विमान ऑर्डर देने वाली यह विमानन कंपनी अपने कार्यक्रम में व्यापक बदलाव की प्रक्रिया में है।
इस कार्यक्रम में मौजूदा हवाई अड्डों के लाउंज का पुनरुद्धार, यात्रियों को अपनी 25 साझेदार विमानन कंपनियों में से किसी में भी ऑनलाइन टिकट बुकिंग के लिए पॉइंट भुनाने में सक्षम बनाना, यात्रियों को नकदी और पॉइंट (डायनामिक अवार्ड चार्ट) के संयोजन का उपयोग करके टिकट बुक करने का विकल्प प्रदान करना और सक्रिय सदस्यों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करना शामिल है।
पिछले एक वर्ष में इस कार्यक्रम का इस्तेमाल कर चुके किसी सदस्य को ‘सक्रिय’ सदस्य माना जाता है। अगस्त में एयर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने घोषणा की थी कि अगले साल की शुरुआत में पूरी तरह से नया विश्वसनीयता कार्यक्रम पेश किया जाएगा। विमानन उद्योग के सूत्रों के मुताबिक इस बात के संकेत हैं कि विमानन कंपनी इसकी दोबारा शुरुआत के इस विश्वसनीयता कार्यक्रम का नाम बदलने पर विचार कर सकती है।
विमानन कंपनी ने अधिकारी ने बताया कि जब टाटा समूह ने एयर इंडिया का नियंत्रण संभाला, तो फ्लाइंग रिटर्न्स में करीब 30 लाख सदस्य थे। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा निष्क्रिय था। सक्रिय ग्राहक आधार तुलनात्मक रूप से छोटा था। सक्रिय ग्राहकों के लिहाज से अन्य विमानन कंपनियों की तुलना में यह एक-तिहाई से भी कम था। इस संबंध में बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए सवालों का एयर इंडिया ने जवाब नहीं दिया।
वर्तमान में सदस्यों की कुल संख्या 40 लाख से कुछ अधिक है। अधिकारी ने बताया कि केवल पिछले साल ही हमने दस लाख से अधिक नए सदस्यों का स्वागत किया है और हमें खासी रफ्तार नजर आ रही है।
हमारा सक्रिय सदस्य आधार या जुड़ाव दर पिछले स्तरों की तुलना में दोगुनी से अधिक हो चुकी है। हमारी योजना यह है कि हम अगले तीन से चार साल के दौरान दो करोड़ से अधिक सदस्य बनाना चाहते हैं। भारत के विशाल आकार और पैमाने के मद्देनजर हम इसे केवल शुरुआत ही मानते हैं।
टाटा समूह ने पिछले साल जनवरी में एयर इंडिया का नियंत्रण संभाला था और विमानन कंपनी वर्तमान में प्रति सप्ताह लगभग 3,000 उड़ानों का परिचालन कर रही है।