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चाय निर्यात में हो सकता है 28 फीसदी का इजाफा

Last Updated- December 07, 2022 | 6:44 AM IST

कम बारिश से केन्या के चाय उत्पादन के प्रभावित होने और इराक के दक्षिण एशियाई देशों से चाय का आयात करने के फैसले से दुनिया के सबसे बड़े चाय उत्पादक भारत से होने वाले निर्यात में 28 प्रतिशत की वृध्दि होने का अनुमान है।


टी बोर्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष बासुदेव बनर्जी ने बताया कि विदेशों में चाय की बिक्री पिछले साल के 1,567 लाख किलोग्राम की तुलना में  इस साल 2,000 लाख किलोग्राम तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि अच्छी बारिश के कारण उत्पादन 1.6 प्रतिशत बढ़कर 9,600 लाख किलोग्राम हो सकता है।

निर्यात अधिक होने से चाय की घरेलू उपलब्धता में कमी आ सकती है जिससे डिब्बा चाय विक्रेताओं जैसे टाटा टी लिमिटेड और हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड की लागत में बढ़ोतरी हो सकती है। इस साल के पहले 4 महीनों में देश में चाय की नीलामी में कीमतों में औसतन 10 प्रतिशत की वृध्दि हुई। इसकी  वजह घरेलू मांग और निर्यात में हुई बढ़ोतरी थी। बनर्जी ने कहा कि भारतीय निर्यात के लिए वास्तव में समय अनुकूल है।

केन्या के अकाल और राजनीतिक उठापटक के कारण वैश्विक आपूर्ति काफी हद तक प्रभावित हुई है। अप्रैल महीने में केन्या टी बोर्ड ने कहा था कि उष्ण और शुष्क मौसम के कारण विश्व में ब्लैक टी के सबसे बड़े निर्यातक केन्या में चाय का उत्पादन 35 प्रतिशत घटकर 7,000 लाख टन हो गया है।

बनर्जी ने कहा कि वर्ष 2006 से भारतीय चाय के सबसे बड़े खरीदार इराक को होने वाले निर्यात में इस साल सुधार हो सकता है। ऐसा इसलिए कि निर्यातकों ने भुगतान से संबंधित मसलों को निपटा लिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और मिस्र में भी बिक्री बढ़ने का अनुमान है। बनर्जी ने कहा कि अधिकांश चाय उगाने वाले क्षेत्रों को मानसून की अग्रिम बारिश से चाय उत्पादन में लाभ हो सकता है।

टी बोर्ड के अनुसार इस साल के पहले चार महीनों में उत्पादन 11.8 फीसदी बढ़कर 1,700 लाख किलोग्राम हो गया है। गोरखा समुदाय के लिए अलग राज्य की मांग करने वाले एक स्थानीय राजनीतिक पार्टी द्वारा किए गए अनिश्चितकालीन हड़ताल से दाजलिंग चाय का उत्पादन प्रभावित हुआ है। दाजलिंग चाय उत्पादन के 1 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है जबकि निर्यात मूल्य में इसकी हिस्सेदारी 8 प्रतिशत की है।

First Published - June 20, 2008 | 11:44 PM IST

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