प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और जमाखोरी व कालाबाज़ारी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू कर दी है। यह आदेश 27 मई 2025 से लागू हुआ है और 31 मार्च 2026 तक पूरे भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रभावी रहेगा। इसका उद्देश्य गेहूं की कृत्रिम किल्लत को रोकना और बाजार में इसकी उपलब्धता को नियंत्रित रखना है।
सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं की अधिकतम भंडारण सीमा इस प्रकार है:
सभी भंडारणकर्ता संस्थाओं को हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की स्थिति को https://evegoils.nic.in/wsp/login पर अपडेट करना होगा, जिसे जल्द ही https://foodstock.dfpd.gov.in पर माइग्रेट किया जाएगा। कोई भी संस्था जो पंजीकरण नहीं कराती या तय सीमा का उल्लंघन करती पाई जाती है, उसके खिलाफ Essential Commodities Act, 1955 की धारा 6 और 7 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अगर किसी भी संस्था के पास तय सीमा से अधिक स्टॉक है, तो उन्हें 15 दिनों के भीतर उसे घटाकर निर्धारित सीमा में लाना होगा। केंद्र व राज्य सरकारों के अधिकारी इस नियम के पालन पर सख्त निगरानी रखेंगे।
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Ministry of Consumer Affairs, Food & Public Distribution के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र सरकार ने अभी तक 298.17 लाख मीट्रिक टन गेहूं (27 मई 2025 तक) एफसीआई और राज्य एजेंसियों के माध्यम से खरीदा है, जो कि पीडीएस (PDS), ओपन मार्केट सेल स्कीम (OWS) और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के भंडार की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है ताकि कीमतों को नियंत्रित किया जा सके और आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित हो।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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