इस वर्ष फरवरी से मार्च महीने के दौरान हुई बेमौसम बारिश का टाटा कॉफी के रॉबस्टा की फसल पर खराब असर हुआ है जबकि अरेबिका किस्म अप्रभावित रहा है।
टाटा कॉफी के प्रबंध निदेशक एमएच अशरफ ने कहा, ‘भारी बारिश ने कुछ हद तक हमारी आने वाली फसल को विपरीत रुप से प्रभावित किया है। हालांकि, अरेबिका की फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।’
फसल वर्ष 2008-09 के सही उत्पादन आंकड़ो को प्रकट नहीं करते हुए उन्होंने कहा, ‘कंपनी की फसल का आउटलुक पिछले सीजन जैसा या उससे कुछ बेहतर होने जा रहा है।’ वर्ष 2005-2008 में टाटा कॉफी का उत्पादन लगभग 8,000 टन था जो फसल वर्ष 2006-07 के उत्पदन की तुलना में 6.4 प्रतिशत अधिक था। 2007-08 का फसल वर्ष बम्पर वर्ष था, खास तौर से अरबिका की फसल के लिए।
कुल 8,000 टन के उत्पादन में अरेबिका की हिस्सेदारी 2,500 टन और रॉबस्टा की हिस्सेदारी 5,503 टन की थी। रॉबस्टा किस्म का इस्तेमाल प्रमुख रुप से इंस्टैट कॉफी बनाने के लिए किया जाता है। कारोबारियों के अनुसार, ‘रॉबस्टा के उत्पादन में कमी से टाटा कॉफी के इंस्टैंट कॉफी उत्पादन पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है। इन सभी सालों में कंपनी कॉफी के लिए अपने एस्टेट पर निर्भर करती थी।
अब कंपनी को अपने निर्यात को बरकरार रखने के लिए वियतनाम या दूसरे सस्ते उत्पादकों का रुख करना पड़ सकता है।’ कॉफी की बढ़ती कीमतों के प्रभाव के बारे में अशरफ ने बताया कि, ‘अंतरराष्ट्रीय बाजार ने निश्चित ही कंपनी के इंस्टैंट कॉफी की कीमतों को प्रभावित किया है जहां मार्जिन पर दबाव बना हुआ है। अधिकांश उत्पादक जिसमें टाटा कॉफी भी शामिल हैं, उच्च लागत मूल्यों को देखते हुए कीमतों में बढ़ोतरी की है।’
इस साल के शुरुआत में कंपनी ने अपने इंस्टैंट कॉफी उत्पादों की कीमतों में 10-12 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। ठंस्टैंट कॉफी के निर्यात का योगदान कुल आय में लगभग 60 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2007-08 की चौथी तिमाही में इंस्टैंट कॉफी की अधिक बिक्री और कॉफी की ज्यादा उगाही होने से कंपनी को लाभ हुआ था।’
अशरफ ने कहा की कंपनी को अनुमान है 120-130 सेंट के वर्तमान स्तर से कीमतों में ज्यादा उछाल आएगा। लेकिन कॉफी निर्यातकों का कहना है कि ब्राजील में इस बार बम्पर फसल हो सकती है जिससे इस सीजन में कीमतें कम हो सकती हैं।