दिल्ली सहित तमाम राज्यों में आज सुबह से ही बादल छाए रहे और रिमझिम बारिश होती रही। चैत्र के महीने में आमतौर पर ऐसा नहीं होता है।
मौसम में आया यह बदलाव विशेषकर उत्तर भारत के किसानों की पेशानी पर बल डाल रहा है। इस समय किसी भी तरह की बारिश, ओलावृष्टि या आंधी रबी की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। उत्तरी भारत में बूंदाबांदी आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। यही नहीं कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है।
उतरता चैत्र तथा वैशाख महीना रबी की कटाई का है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान सहित पूरे उत्तरी भारत में इस समय गेहूं, जौ, चने, सरसों की कटाई या उसे निकालने का काम जोर शोर से चल रहा है। खेती के जानकारों का कहना है कि अच्छी धूप और कम नमी वाला मौसम इस समय जरूरी है।
यह अच्छी फसल तथा उसे खेतों से सुरक्षित मंडियों या घरों तक पहुंचाने के लिए जरूरी है। यह अलग बात है कि पिछले कुछ दिनों से मौसम काफी बदला हुआ है। बादलवाही बूंदा बांदी तो आम हो गई है। किसान चिंतित हैं। राष्ट्रीय राजधानी में वातावरण में नमी 50 प्रतिशत से अधिक बनी रही।
ओले पड़ने की आशंका अलग से। खेती के लिहाज से कोई अच्छा संकेत नहीं। मौसम तथा खेती पर उसके असर पर निगाह रखने वाले जानकार कहते हैं कि मौसम बदल रहा है। पिछले कुछ वर्षों से यह बदलाव लगातार बढ़ता जा रहा है। जैसे राजस्थान सहित कई राज्यों में इन दिनों बूंदाबांदी हो रही है।
दिल्ली में मौसम विभाग के प्रवक्ता ने इसे सामान्य प्रक्रिया करार दिया है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण ऐसा होता है। आमतौर पर यह मार्च से ही शुरू हो जाता है इस बार तो अप्रैल में हुआ है।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, के कई हिस्सों में मामूली या ठीकठाक बारिश हो रही है। यह क्रम आने वाले दिनों में भी जारी रह सकती है। इनमें से कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हो सकती है। बदलते मौसम में किसानों को सलाह यही है कि वे अपनी फसलों को जितना जल्दी हो सके सहेज लें सुरक्षित कर लें।
दो दिनों से हो रही बारिश से पंजाब के किसान खासे चिंतित हैं। उनका कहना है कि अगर बूंदाबांदी अगले 2 दिनों तक जारी रही तो इससे फसलों को भारी नुकसान होगा। उधर कृषि वैज्ञानिकों का भी मानना है कि गेहूं की फसलों को भारी नुकसान होगा, जो अभी भी मैदानों में पड़ा है। हालांकि बारिश के चलते तापमान में आई गिरावट की वजह से लोगों को गरमी से राहत जरूर मिली है।