छोटी और मझोली कंपनियों खासकर सेवा क्षेत्र में नई जान फूंकने के उद्देश्य से कैबिनेट ने आज सीमित उत्तरदायित्व साझेदारी कानून-2008 को मंजूरी दे दी है।
अगर ये कानून अमल में लाया जाता है तो उद्यमी बगैर किसी अनुमति के अपनी दुकानें खोल सकते हैं, जबकि बड़ी कंपनियों को इसके लिए अनुमति की जरूरत होती है।हाल ही में सीमित उत्तरदायित्व साझेदारी कानून-2006 को दिसंबर 2006 में कैबिनेट ने मंजूरी दी थी। इसे राज्य सभा में पेश किया गया और बाद में वित्त विभाग की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया।
समिति ने कुछ परिवर्तन के साथ पिछले नवंबर में अपनी रिपोर्ट पेश की थी। बहरहाल आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की बैठक भी आज ही हुई और केमन आइसलैंड में पंजीकृत अगम एसपीवी सिक्स लि. के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इन प्रस्तावों में 1170 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से खुद या अपने सहयोगी के माध्यम से देश के वर्तमान एयरपोर्टों में सुधार या नए एयरपोर्ट विकसित करने की बात कही गई है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नियमों के मुताबिक इसका नियमन होगा और यह पूरी तरह से उसकी स्वीकृति पर निर्भर करेगा। इसमें उपभोक्ता मानकों के मुताबिक फंड के स्रोतों का खुलासा करना होगा। सीसीईए ने आज पुष्टिकारक (न्यूट्रिएंट ) आधारित फर्टिलाइजर सब्सिडी योजना को भी मंजूरी दे दी। इससे अब फर्टिलाइजर कंपनियों को अतिरिक्त पुष्टिकारकों को प्रोत्साहित करने के लिए खाद के निर्धारित दाम से 5 प्रतिशत ज्यादा मूल्य लेने की अनुमति होगी।
जिंक कोटेड यूरिया और बोरोनेटेड सिंगल सुपर फास्फेट के मामले में कंपनियों को निर्धारित सब्सिडी दर से 10 प्रतिशत ज्यादा कीमत लेने की अनुमति होगी। विनिर्माताओं को इसकी छूट होगी कि वे कुल उत्पादन का 20 प्रतिशत वैल्यू एडेड खाद का उत्पादन कर सकें।
सरकार की यह कोशिश इसलिए सामने आई है कि रासायनिक खाद के प्रयोग से जमीन की ऊर्वरा शक्ति कम हो रही है और इसमें अतिरिक्त तत्व जोड़े जाने से उत्पादकता बढ़ेगी।