कोविड-19 महामारी से सबक लेते हुए महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने अपने नए इलेक्ट्रिक वाहनों बीई6 और एक्सईवी 9ई के लिए सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को जोखिम से मुक्त कर दिया है। ग्राहकों को ये वाहन मार्च से मिलने लगेंगे। असल में कोविड महामारी के दौरान सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने से कारों के उत्पादन पर व्यापक असर पड़ा था और वाहनों की आपूर्ति के लिए ग्राहकों को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा था।
महिंद्रा ने प्रत्येक चिप आपूर्तिकर्ता के लिए बैकअप योजना तैयार की है। बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कहा, ‘हमने कोविड-19 के दौरान मिली सीख को ध्यान में रखते हुए इस बार योजना तैयार की है। प्रत्येक सेमीकंडक्टर चिप के लिए हमारे पास बैकअप तैयार है।’
उन्होंने बताया, ‘आपूर्तिकर्ता चिप नहीं बनाते हैं, वे चिप विनिर्माताओं के साथ काम करते हैं। पहले टियर 1 वेंडर के पास केवल एक चिप विनिर्माता या आपूर्तिकर्ता होता था जिसके साथ वे काम करते हैं। यदि टियर 2 के किसी चिप विनिर्माता को आपूर्ति श्रृंखला में समस्या का पता चलता है तो हमारे पास वैकल्पिक चिप विनिर्माता मौजूद हैं। हमारे प्रत्येक टियर 1 चिप विनिर्माता ने अपने चिप के स्रोत और वैकल्पिक आपूर्तिकर्ता की योजना की जानकारी दी है। सेमीकंडक्टर चिप के मामले में हम बेहतर स्थिति में हैं।’ 2021 की पहली तीन तिमाही में चिप की किल्लत के कारण वैश्विक वाहन उत्पादन में 26 फीसदी की गिरावट आई थी वहीं भारत में वाहन विनिर्माताओं को उस दौरान उत्पादन 40 फीसदी तक घटाना पड़ा था।
महिंद्रा ने चाकण में सालाना 90,000 वाहनों के उत्पादन के लिए संयंत्र स्थापित किया है, जहां कंपनी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करेगी। कंपनी ने कहा है कि शुरुआत में उसकी योजना हर महीने इन वाहनों की 5000 इकाई बेचने की है। जेजुरिकर ने कहा, ‘हम शुरुआत में 5,000 के आसपास इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसमें आपूर्तिकर्ताओं की क्षमता भी शामिल है। अगर आप अच्छी गाड़ियां बनाना चाहते हैं तो जरूरी है कि आपूर्तिकर्ता भी आपको बढि़या उत्पाद दें। हम काफी सतर्कता के साथ उत्पादन बढ़ाना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि डीलरों को भी बिक्री और ग्राहक सर्विस अनुभव से रूबरू करना चाहते हैं। इसके साथ ही ग्राहकों को भी चार्जिंग की व्यवस्था (घर या दफ्तर) में करने के लिए समय लगेगा जिसके बाद ही वे वाहन की डिलिवरी ले सकेंगे। उन्होंने कहा, ‘ये वाहन प्रीमियम सेगमेंट के हैं। ऐसे में 5,000 वाहनों की शुरुआती बिक्री को अच्छा माना जा सकता है।’
महिंद्रा के राजेश जेजुरिकर ने कहा कि नए ईवी से कंपनी की औसत बिक्री कीमत में उल्लेखनीय इजाफा होगा। फिलहाल महिंद्रा के औसत बिक्री कीमत 15 लाख से 16 लाख रुपये है। नए ईवी की औसत बिक्री कीमत 18 लाख से 30 लाख रुपये होगी। महिंद्रा की कुल बिक्री में अगर इनकी हिस्सेदारी 10 फीसदी होती है तो कंपनी की औसत बिक्री कीमत में भी कुछ लाख का इजाफा हो सकता है। वर्तमान में महिंद्रा की एसयूवी का राजस्व के मामले में बाजार हिस्सेदारी सबसे अधिक 21.9 फीसदी है।
महिंद्रा की नई ईवी का वीडियो सोशल मीडिया पर अरबों बार देखा गया है, जिससे कंपनी को लगता है कि इन वाहनों की मांग उत्पादन क्षमता से अधिक होगी और इसके लिए ग्राहकों को थार रॉक्स की तरह ही लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। जेजुरिकर ने कहा, ‘जब हम फरवरी में बुकिंग शुरू करेंगे तो तस्वीर साफ होगी। अगर हम मांग को देखें तो विनिर्माण क्षमता कोई बाधा नहीं होगी। मगर हमें कलपुर्जा आपूर्ति की स्थिति भी देखनी होगी।’कंपनी ने बीई6 और एक्सईवी 9ई को विकसित करने पर महिंद्रा ने 4,500 करोड़ रुपये निवेश किया है और कंपनी को ईवी इकाई के जल्द ही मुनाफे में आने की उम्मीद है। कंपनी ने पुणे के समीप चाकण में बुधवार को अपनी ईवी विनिर्माण कारखाने का अनावरण किया।