वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में 4,69,383 ट्रैक्टरों की थोक बिक्री हुई। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.7 फीसदी कम है। बिक्री में यह गिरावट अल नीनो के प्रभाव, ग्रामीण नकदी प्रवाह में उतार-चढ़ाव और पिछले वर्ष में निर्धारित उच्च आधार के कारण है।
उद्योग अभी भी आशावादी है और उसे ऐसा लग रहा है कि सितंबर में सामान्य बारिश ने देश के मध्य, उत्तरी और पश्चिमी इलाकों में रबी की बोआई पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। नतीजतन, दूसरी छमाही में वृद्धि देखी जा सकती है जिससे वित्त वर्ष कम एकल अंक वृद्धि के साथ खत्म होगा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बताया है कि घरेलू ट्रैक्टर उद्योग का वॉल्यूम मजबूत है। इसमें वित्त वर्ष 2023 में 12 फीसदी की सालाना वृद्धि देखी गई, जो 9,45,000 ट्रैक्टरों के साथ अब तक के उच्च स्तर पर था। लगातार चार सामान्य मॉनसून के कारण ग्रामीण नकदी प्रवाह बेहतर रहने के कारण ऐसा था। इक्रा को वित्त वर्ष 2024 में नरमी की उम्मीद है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) में कृषि उपकरण क्षेत्र के प्रेसिडेंट हेमंत सिक्का ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस साल अल नीनो के प्रभाव को ट्रैक्टर बिक्री अनुमानों में शामिल कर लिया गया था। उन्हें उम्मीद है कि 11 करोड़ हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रों में होने वाली खरीफ की बोआई में सुधार होगी और त्योहारी सीजन के दौरान खरीदारी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा, ‘कृषि और ग्रामीण विकास के लिए मजबूत सरकारी समर्थन, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि और किसानों के लिए व्यापार की अनुकूल शर्तों जैसे कई प्रमुख कारकों से वित्त वर्ष 2024 में कम एकल अंक वृद्धि का नजरिया है।’
सोनालिका ब्रांड के नाम से ट्रैक्टर बेचने वाली इंटरनैशनल ट्रैक्टर्स (आईटीएल) के संयुक्त प्रबंध निदेशक रमन मित्तल ने का मानना है कि दूसरी छमाही में उम्मीद जगी है, जिसमें खरीफ फसल का रकबा पिछले साल के 6 फीसदी से 1-2 फीसदी अधिक रहने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि दुनिया के सबसे बड़े ट्रैक्टर बाजार भारत में ट्रैक्टर उद्योग की पद्धति चक्र की तरह है जो हर साल बदलती है।
साल 2020-21 में घरेलू उद्योग में 26.9 फीसदी की मजबूत वृद्धि देखी गई। इसके बाद साल 2021-22 में 6.4 फीसदी की गिरावट आई। फिर भी, वित्त वर्ष 2023 में, इसने उच्च आधार पर 12.2 फीसदी की वृद्धि के साथ वापसी की।
मित्तल ने कहा कि वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में अनियमित मॉनसून, कम फसल की पैदावार और त्योहारी सीजन में देरी से खरीदारी कम हुई, जिससे ट्रैक्टर की मांग प्रभावित हुई। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में सोनालिका ट्रैक्टर घरेलू बाजार में वृद्धि दर्ज करने वाला एकमात्र ब्रांड है, जबकि समग्र उद्योग में गिरावट देखने को मिला।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर तक आईटीएल के पास 12.95 फीसदी खुदरा बाजार हिस्सेदारी थी।