लेखक : एम गोविंद राव

आज का अखबार, लेख

वृद्धि और महंगाई में नाजुक संतुलन

पिछले तीन साल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी में 8 प्रतिशत सालाना से ऊपर की वृद्धि हासिल करने के बाद अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में केवल 5.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज कर पाई। पिछली सात तिमाहियों में यह वृद्धि का सबसे कम आंकड़ा रहा। इस तिमाही में आर्थिक सुस्ती का अंदाजा तो […]

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सहकारी संघवाद या प्रतिस्पर्धी संघवाद: भारतीय संघ की चुनौतियां और संभावनाएं

भारतीय संघ को लेकर गंभीर अध्ययन करने वाले विद्वान अक्सर उसे ‘सहकारी संघवाद’ वाला देश कहते हैं। इस बारे में गत 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हुए देश के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने 26 अक्टूबर को मुंबई में दिए एक भाषण में दिलचस्प बातें कही थीं। उनके आधार पर हमें यह देखना चाहिए कि […]

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जीएसटी सुधारों के लिए क्या हो नीति, दिशा और गति

यह दलील सही नहीं है कि जीएसटी कर व्यवस्था पूरी तरह व्यवस्थित हो चुकी है और इसमें किसी प्रकार के सुधार की आवश्यकता नहीं है। विस्तार से बता रहे हैं एम गोविंद राव मैं ने अपने पिछले आलेख में कहा था कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था में नए सुधारों की आवश्यकता है ताकि […]

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जीएसटी सुधार पर दूरदर्शी सोच की दरकार

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में अब कुछ खास नहीं रह गया है। आम तौर पर इनमें जीएसटी दरों में कुछ फेरबदल किया जाता है और फौरी जरूरतों के हिसाब से छोटे-मोटे प्रशासनिक बदलाव किए जाते हैं। मगर कर संरचना में व्यापक सुधार कर इसे श्रेष्ठ बनाने की दिशा में कोई प्रयास […]

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नीतिगत उपाय पूरा करेंगे विकसित भारत का सपना

केंद्रीय बजट प्रस्तुत होने के बाद मचा शोरगुल थम चुका है और अब सधी नजर से देखना होगा कि भारत को विकसित देश बनाने के लिए मध्यम और दीर्घ अवधि में क्या रणनीति अपनानी होंगी और नीतिगत स्तर पर क्या प्रयास करने होंगे। विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में किसी विकसित […]

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Budget 2024: उम्मीदों के अनुरूप रहा बजट

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का चिर प्रतीक्षित पहला बजट अनुमानों के अनुरूप ही रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार अपना सातवां बजट पेश किया है। बजट में भारत को विकसित देश का दर्जा दिलाने के लिए आवश्यक दीर्घ अवधि के लक्ष्य निर्धारित करने को प्राथमिकता दी गई है। बजट में गठबंधन सरकार […]

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GST यकीनन एक ऐतिहासिक सुधार मगर कैसे बनेगा अच्छा और सरल टैक्स

वस्तु एवं सेवा कर (GST) जिसने केंद्र और राज्यों के 14 अप्रत्यक्ष करों का स्थान लिया था, वह यकीनन एक ऐतिहासिक सुधार था। इससे राजस्व में भी सतत वृद्धि देखने को मिली थी और अप्रैल 2024 में इससे 2.1 लाख करोड़ रुपये की राशि मिली। यह राशि पिछले साल से 15.5 फीसदी अधिक थी। इस […]