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Startups: भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की सैलरी 12 प्रतिशत तक बढ़ाई

रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में कम नकद वेतन बढ़ोतरी हुई और करीब 50 प्रतिशत कंपनियों ने नेतृत्वकर्ताओं को अतिरिक्त इक्विटी अनुदान की पेशकश की।

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- August 10, 2023 | 11:26 PM IST

वर्ष 2022-23 में भारत के स्टार्टअप (Indian Startups) ने 8-12 प्रतिशत के बीच औसत वेतन वृद्धि की है। एलिवेशन कैपिटल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वेतन बढ़ोतरी में प्रदर्शन की हिस्सेदारी 50 फीसदी है, वहीं अतिरिक्त जिम्मेदारी लेने और प्रमोशन पाने जैसे कारकों को 20 फीसदी तक के दायरे में रखा जाता है।

वरिष्ठ नेतृत्वकर्ताओं की भूमिका में कर्मचारी शेयर विकल्प (इसॉप) एक प्रमुख घटक है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वित्त वर्ष में कम नकद वेतन बढ़ोतरी हुई और करीब 50 प्रतिशत कंपनियों ने नेतृत्वकर्ताओं को अतिरिक्त इक्विटी अनुदान की पेशकश की।

एलिवेशन कैपिटल के उपाध्यक्ष (टैलेंट) कल्लान एच कहते हैं, ‘व्यापक स्तर की चुनौतियों को देखते हुए भारतीय स्टार्टअप प्रतिभाशाली लोगों को काम पर रखने और उनकी नौकरी बरकरार रखने के लिए महंगाई के अनुरूप ही वेतन में बढ़ोतरी करके माहौल के अनुरूप रणनीति अपना रहे हैं। हालांकि अंतर काफी अहम है और छोटे से मध्यम स्तर के स्टार्टअप में प्रौद्योगिकी पेशवरों की वेतन बढ़ोतरी सामान्य है।’

कल्लान कहते हैं कि नेतृत्वकर्ता की भूमिकाओं वाले लोगों को नकद वेतन बढ़ोतरी के बजाय मुआवजे में सुधार के साथ-साथ नए शेयरों के अनुदान दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कर्मचारी और स्टार्टअप द्वारा इसॉप को देखने के तरीके में हम एक सांस्कृतिक बदलाव देख रहे हैं और नेतृत्वकर्ता के स्तर यह काफी उच्च स्तर पर देखा जाता है। हम एआई से जुड़े प्रतिभाशाली लोगों की बढ़ती मांग को देख रहे हैं और आगे भी उत्पाद, इंजीनियरिंग और अन्य श्रेणी में मांग बरकरार रहेगी।’

सीड से सीरीज बी चरण वाले स्टार्टअप में शुरुआती से मध्यम स्तर की भूमिकाओं वाले उम्मीदवार के लिए इसॉप आवंटन के तहत आमतौर पर 10-50 फीसदी नकदी की पेशकश की जाती है। जो लोग नेतृत्वकर्ता की स्थिति में होते हैं उन्हें कंपनी की इक्विटी का 0.2 फीसदी से 1.5 फीसदी तक मिलना चाहिए।

इसके अलावा वे 2023 में नेतृत्वकर्ता की भूमिका के लिए वेतन बढ़ोतरी के मकसद से एक अलग उपकरण पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया, ‘पिछले वित्त वर्ष में नकदी में कम बढ़ोतरी देखी गई थी और 50 फीसदी कंपनियों ने नेतृत्वकर्ताओं के लिए अतिरिक्त इक्विटी अनुदान की पेशकश की थी।’

First Published : August 10, 2023 | 11:26 PM IST