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गुरुग्राम के सुशांत लोक में रहने वाली गीतांजलि कुरैशी (बदला हुआ नाम) मंगलवार की रात कार में पेट्रोल डलवाने के लिए निकली थीं। उस वक्त पूरे इलाके में शांति का माहौल था।
कुरैशी का कहना है कि इतनी शांति का माहौल देखकर उन्हें कोविड के दौरान लगाए गए लॉकडाउन की याद आ गई। कुरैशी ने कहा, ‘इस तरह के हालात ने मुझे कोविड के दिनों की याद दिला जब इलाके की शांति तभी भंग होती थी जब कहीं सायरन की आवाज गूंजती थी।’
31 जुलाई को इलाके में तनाव की स्थिति बनती हुई तब दिखी जब हरियाणा के नूंह में एक धार्मिक जलसे के दौरान ही हंगाम बढ़ा और तनाव की स्थिति बनी। इस घटनाक्रम के दौरान ही करीब पांच लोग मारे गए। इस घटना के बाद फरीदाबाद, पलवल और गुरुग्राम में धारा 144 लागू कर दी गई और इन तीन क्षेत्रों के शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने के आदेश दे दिए गए।
गुरुग्राम 30,000 से अधिक बड़ी कंपनियां
आसपास के इलाके में तनाव की गहराती स्थिति को देखते हुए गुरुग्राम में भी सतर्कता बरती जा रही है। गुरुग्राम 30,000 से अधिक बड़ी आईटी, वित्तीय कंपनियों और स्टार्टअप का गढ़ है और गुरुग्राम को उत्तर भारत का तकनीकी एवं वित्तीय केंद्र माना जाता है।
वर्क फ्रॉम होम का आदेश
कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए घर से काम करने (वर्क फ्रॉम होम) की सुविधा देने का आदेश दिया है। बड़ी चार सलाहकार कंपनियों में से एक के विश्लेषक ने कहा कि कंपनी ने घर से काम करने का विकल्प दिया था।
कर्मचारियों को भेजी गई ईमेल में कहा गया, ‘गुरुग्राम के ऑफिस खुले रहेंगे लेकिन आपकी सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। आप अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए घर से काम कर सकते हैं और अपने रिपोर्टिंग मैनेजर को इसकी सूचना दे सकते हैं।’
बुधवार को घर से काम करने की सख्त ताकीद
डीएलएफ साइबर हब के पास एक प्रमुख आईटी कंपनी का दफ्तर मौजूद है और इसने भी कर्मचारियों को पूरे हफ्ते घर से काम करने के लिए कहा है जब तक कि हालात नियंत्रण में न आ जाएं। साइबर हब में मौजूद एक मीडिया कंपनी की कंटेंट प्रबंधक आरुषि माथुर ने कहा कि उन्हें भी बुधवार को घर से काम करने की सख्त ताकीद दी गई।
एक मनोवैज्ञानिक भव्या अग्रवाल (बदला हुआ नाम) को नई कंपनी में 1 अगस्त से काम करना था लेकिन एक रात पहले ही उन्हें वर्चुअल तरीके से ज्वाइन करने को कहा गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे पूरे हफ्ते घर से काम करने के लिए कहा गया है।’
इस इलाके में काम करने वाले डिलिवरी प्लेटफॉर्मों ने भी स्थिति का संज्ञान लिया है। जेप्टो के प्रवक्ता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम राज्य में सुरक्षा दिशानिर्देशों का अनुपालन कर रहे हैं। हमारे कर्मचारियों को आने-जाने के लिए अलग से मदद दी जा रही है। हम गुरुग्राम में अधिक मांग देख रहे हैं क्योंकि शहर के निवासी अपने घर में ही सुरक्षित रहने को तरजीह दे रहे हैं। हमने यह मांग पूरी की है करने के साथ ही बेहतर तैयारी के साथ डिलिवरी करने वालों, स्टोर के कर्मचारी और ग्राहकों की सुरक्षा का प्रबंधन भी किया है।’
जोमैटो के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस पर अमल कर रहे हैं और हम सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों पर अमल करना जारी रखेंगे। इसके अतिरिक्त हमारे डिलिवरी साझेदारों की बेहतरी के लिए उनके ऐप पर हमने एक एसओएस फीचर भी डाला है जिसका फायदा किसी आपातकालीन परिस्थिति में उठाया जा सकता है जिसमें ऐंबुलेंस का समर्थन भी शामिल है।’
हरियाणा के सकल घरेलू उत्पाद में अहम योगदान देने वाले गुरुग्राम में लगातार निर्माण प्रक्रिया जारी रहती है। हालांकि नूंह हिंसा से शहर के सभी क्षेत्रों पर असर पड़ा है।
इस क्षेत्र के एक प्राइवेट ठेकेदार ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि काम पर अहम तरीके से असर पड़ा है। उनका कहना है, ‘हमने बड़ी तादाद में निर्माण कार्यों के लिए मुस्लिम कामगारों को लगाया था जो पिछले दो दिनों से काम पर नहीं आ रहे हैं। वहीं कुछ कामगार अब भी आ रहे हैं लेकिन यह इस बात पर निर्भर होगा कि आने वाले दिनों में कानून-व्यवस्था की स्थिति से कैसे निपटा जाएगा।’
कुरैशी ने अपने ससुर की एंजियोग्राफी की योजना फिलहाल टाल दी है जो गुरुवार को होनी थी। उन्होंने कहा, ‘हम घर से बाहर निकलने से बच रहे हैं और हमने अपनी घरेलू सहायिका को भी काम पर आने के लिए कोई जोखिम न लेने के लिए कहा है।’
(साथ में आर्यमन गुप्ता)