डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मंगलवार को 17 पैसे टूट गया क्योंकि डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ। डीलरों ने यह जानकारी दी। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.21 पर टिका, जो पहले 83.04 पर बंद हुआ था।
डॉलर इंडेक्स चढ़कर 107.10 पर पहुंच गया क्योंकि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था ने फंडिंग गैप के कारण सरकारी परिचालन में आने वाली दिक्कतों को कामयाबी के साथ टाल दिया और मजबूत आर्थिक संकेतकों ने इस भरोसे को फिर से मजबूत बना दिया कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व का इरादा लंबी समय तक ब्याज दरें ऊंची बनाए रखने का है।
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (करेंसी डेरिवेटिव व ब्याज दर डेरिवेटिव) ए. बनर्जी ने कहा, अमेरिकी डॉलर-रुपये ऊंचा खुला क्योंकि सोमवार को अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में उछाल आई थी। भारत में सोमवार को बाजार बंद था, लेकिन वैश्विक बाजार खुले हुए थे। ऐसे में यह महज समायोजन हो रहा है।
बाजार के भागीदारों को उम्मीद है कि स्थानीय मुद्रा पर दबाव बना रहेगा और यह डॉलर के मुकाबले 83 से 83.30 के दायरे में कारोबार करेगा। इसके अतिरिक्त विदेशी विनिमय बाजार में आरबीआई का समय पर हस्तक्षेप रुपये को नीचे नहीं जाने देगा।
सीआर फॉरेक्स के एमडी अमित पबरी ने कहा, खास तौर से डॉलर के मुकाबले रुपये की नाजुकता के संभावित जोखिम के जवाब में आरबीआई हाल के सत्रों में सरकारी बैंकों के जरिये डॉलर की रणनीतिक बिकवाली में शामिल रहा है।
उन्होंने कहा, यह रणनीति बढ़ी आयात लागत पर लगाम, वैश्विक बॉन्ड ट्रेडरों के बीच नकारात्मक सेंटिमेंट को घटाने और कैरी ट्रेड की बिकवाली को रोकने की इच्छा से प्रेरित है। आगे रुपये को अपेक्षाकृत स्थिर रखने के लिए हस्तक्षेप हो सकता है जब तक कि 6 अक्टूबर को मौद्रिक नीति की घोषणा न हो जाए।