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राजकोषीय घाटा कम करने का हो खाका

आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024 में देश की वृद्धि दर घटकर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2023 में इसके 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है।

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असित रंजन मिश्र
Last Updated- December 24, 2022 | 12:19 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने आज कहा कि अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमानों पर बढ़ते जोखिमों और सरकारी खजाने में घटती गुंजाइश के
बीच मध्यम अव​धि में कर्ज स्थायित्व सुनि​श्चित करने के लिए भारत को राजकोषीय घाटा कम करने का अधिक महत्त्वाकांक्षी खाका तैयार करना
होगा।

आईएमएफ ने अपनी वा​र्षिक परामर्श रिपोर्ट (वा​षिक आर्टिकल-4) मेंकहा है कि वित्त वर्ष 2021 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और ऋण का अनुपात 89 फीसदी के उच्चतम स्तर पर था, जो मध्यम अव​धि में और बढ़ सकता है। आईएमएफ का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में यह अनुपात वित्त वर्ष 2023 के 83.4 फीसदी से बढ़कर 83.9 फीसदी हो सकता है।

आईएमएफ ने कहा कि भारत में खजाने की मजबूती यानी राजकोषीय घाटा कम करने की धीमी रफ्तार का मतलब है कि इसका ऋण मौजूदा स्तर के आसपास बना रहेगा और वित्त वर्ष 2026 से ही इसमें धीरे-धीरे कमी आनी शुरू होगी। उसके अनुसार मध्यम अव​धि में राजकोषीय स्थायित्व करने के लिए घाटा कम करने के ज्यादा महत्त्वाकांक्षी और बेहतर अनुपालन की जरूरत है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि घाटा कम करने के उपायों की घोषणा से अनि​श्चितता कम होगी और जो​खिम भी घटेगा। इससे अल्पाव​धि में
भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रास्फीति नियंत्रण के प्रयासों को भी मदद मिलेगी।

आईएमएफ की राय ऐसे समय में आई है, जब वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट तैयार किया जा रहा है। सरकार के सामने दुविधा है कि अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा आक्रामक रूप से कम किया जाए या बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच वृद्धि को सहारा देने के लिए इसमें नरमी बरती जाए।

वित्त मंत्रालय ने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम में संशोधन पहले ही अनि​श्चितकाल के लिए टाल दिया है। हालांकि उसने वित्त वर्ष 2026 में राजकोषीय घाटे को कम कर जीडीपी के 4.5 फीसदी पर सीमित करने का संकल्प किया है। वित्त वर्ष 2023 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.4 फीसदी रखा गया है।

आईएमएफ का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2024 में राजकोषीय घाटा मामूली कम होकर 6.2 फीसदी रह सकता है। इधर आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक केवी सुब्रमणयन ने सरकार का रुख सामने रखते हुए भारत की राजकोषीय ​स्थिति पर जो​खिम के आईएमएफ के आकलन को नकार दिया।

उन्होंने कहा, ‘प्रशासन कर्मचारियों के इस विचार से सहमत नहीं है कि भारत की राजकोषीय ​स्थिति पर जोखिम है। वृद्धि की अनुकूल गति और घाटा कम करने के मजबूत संकल्प के बीच सार्वजनिक ऋण सही दायरे में है।’

आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024 में देश की वृद्धि दर घटकर 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2023 में इसके 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है।

First Published : December 24, 2022 | 12:19 PM IST