प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
मोहाली स्थित सेमीकंडक्टर लैब (एससीएल) ने उन 20 सेमी कंडक्टर चिप्स का निर्माण पूरा कर लिया है, जिन्हें जम्मू और इंदौर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों सहित 17 भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों द्वारा डिजाइन किया गया है। सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ये चिप्स अब टेप-आउट यानी निर्माण प्रक्रिया के लिए लगभग तैयार हो चुके हैं और जल्द ही इनका परीक्षण किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि इनके अलावा, भारत में छात्रों द्वारा डिजाइन की गई 36 अन्य चिप एससीएल में निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं और अगले छह महीनों में इनके टेप-आउट के लिए तैयार होने की संभावना है।
एससीएल मोहाली ने 2024 के अंत में चिप डिजाइन स्टार्टअप्स के लिए संपूर्ण निर्माण, परीक्षण और पैकेजिंग सहायता मुहैया करानी शुरू कर दी थी।
एससीएल मोहाली संयंत्र में भारत द्वारा डिजाइन किए गए इन चिप्स का अंतिम चरण तक निर्माण महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे संस्थानों द्वारा डिजाइन किए गए अधिकांश चिप के लिए पहले वैश्विक फाउंड्री दिग्गजों से संपर्क करना पड़ता था, जिससे अक्सर पूर्व व्यावसायिक प्रतिबद्धताओं के कारण काम में देरी होती थी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘विलंबित समय-सीमा के अलावा, इन स्टार्टअप्स पर होने वाले खर्च (जो अक्सर पर्याप्त रूप से वित्त पोषित नहीं होते) भी ज्यादा होते हैं। साथ ही भारत में इन फाउंड्रीज की भौतिक अनुपस्थिति के कारण स्टार्टअप्स के पास कम समय में अपने डिजाइन में परीक्षण, विश्लेषण और चुनौतियों की पहचान करने की सीमित क्षमता होती है।’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, करीब 50 अन्य सेमीकंडक्टर चिप पूरे देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में डिजाइन के विभिन चरणों में हैं।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि ये पहल भारत सेमीकंडक्टर मिशन के चिप्स-टू-स्टार्टअप्स (सी2एस) कार्यक्रम और डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना के तहत चलाई जा रही हैं।