मराठा समाज को शैक्षणिक संस्थानों में 12 फीसदी आरक्षण के फैसले पर उच्च न्यायालय की मुहर के बाद 11वीं में प्रवेश के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। स्कूली शिक्षा मंत्री आशीष शेलार ने विधानसभा में बताया कि मराठा समाज के लिए 12 फीसदी के हिसाब से 34 हजार 251 जबकि आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग (एसईबीसी) के विद्यार्थियों के लिए 10 फीसदी के हिसाब से 28 हजार 636 सीटें आरक्षित रखी गई हैं। दोनों वर्गों के विद्यार्थी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकें, इसलिए दाखिले की समयसारिणी में बदलाव किया गया है। शेलार ने कहा कि एसईबीसी वर्ग का जाति प्रमाणपत्र न होने पर माता-पिता के गारंटी पत्र से भी प्रवेश मिल सकेगा।
स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा कि एसईबीसी से अब तक 4 हजार 557 अर्जियां ही मिली हैं। मराठा समाज के विद्यार्थियों ने सामान्य वर्ग में अर्जी दी है। इसीलिए उन्हें प्रवर्ग बदलने के लिए अतिरिक्त समय देने का फैसला किया गया है। कई मराठा विद्यार्थियों ने एसईबीसी वर्ग का जाति प्रमाणपत्र न होने के चलते सामान्य वर्ग में आवेदन कर दिया। ऐसे विद्यार्थियों को परेशानी न हो, इसलिए प्रमाणपत्र के बजाय माता-पिता की गारंटी स्वीकार की जाएगी।