Categories: विशेष

बैजूज दुनिया की 13वीं सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:48 PM IST

देश में भले ही लगभग हर महीने एक यूनिकॉर्न जन्म लेती दिख रही है, लेकिन केवल एक एडटेक कंपनी बैजूज ने ही इस साल 10 अरब डॉलर से अधिक के मूल्यांकन वाली 35 विशिष्ट यूनिकॉर्न की वैश्विक सूची में जगह बनाई है।
बैजूज 21 अरब डॉलर के मूल्यांकन तक पहुंचने वाली पहला घरेलू स्टार्टअप बन गई है। दिसंबर की शुरुआत तक के सीबी इनसाइट्स के नवीनतम आंकड़ों के आधार पर इसे दुनिया में 13वीं सबसे बड़ी यूनिकॉर्न के रूप में स्थान दिया गया है।
इसकी एक अन्य उपलब्धि यह है कि यह दुनिया की सबसे मूल्यवान एडटेक स्टार्टअप है, जिसने 15.58 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ चीनी एडटेक फर्म युआनफुदाओ को पछाड़ दिया है।
भारतीय स्टार्टअप की कहानी को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में रखें, तो स्टार्टअप कंपनियों पर चीन की कड़ी कार्रवाई के बावजूद, अमेरिका के साथ मिलकर उनका दुनिया की शीर्ष 35 स्टार्टअप में 75 प्रतिशत का योगदान है। इस सूची में भारत, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील और स्वीडन की केवल एक कंपनी है, जबकि ब्रिटेन की तीन कंपनियां हैं।
अगर महामारी की दिक्कत नहीं होती, तो भारत में निश्चित रूप से वर्ष 2021 में 10 अरब डॉलर से अधिक वाली और स्टार्टअप हो सकती थीं। जनवरी 2021 में बोफा ग्लोबल रिसर्च की एक रिपोर्ट में होटल शृंखला प्लेटफॉर्म ओयो रूम्स का 10 अरब डॉलर के स्तर पर और कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला का करीब 6.3 अरब डॉलर के स्तर पर मूल्यांकन किया था। यह उम्मीद की जा रही थी कि ये दोनों ही इस साल कभी जादूई संख्या तक पहुंच जाएंगी।
हालांकि दूसरी लहर और इस वैश्विक महामारी ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया, क्योंकि इन दोनों कारोबारी खंडों पर ही विपरीत असर पड़ा था। यात्रा पर प्रतिबंध था और लोग घर से काम कर रहे थे। इससे उनका मूल्यांकन गिर गया।
अच्छी खबर यह है कि ये दोनों ही फिर से मैदान में उतर रही हैं। आईपीओ लाने के लिए ओयो सेबी को पहले ही आवेदन दे चुकी है और वर्तमान में इसका 9.6 अरब डॉलर मूल्य है। अगले कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही तक इसके सूचीबद्ध होने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि ओला भी अप्रैल तक आईपीओ का रास्ता अख्तियार कर सकती है। मर्चेंट बैंकरों का मानना ​​है कि ये दोनों ही आईपीओ लाने से पहले 10 अरब से 12 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर विचार कर रहे हैं।
लेकिन भारत के मूल्यांकन की रैंकिंग की दौड़ में कई आश्चर्य हैं। गेमिंग प्लेटफॉर्म ड्रीम 11, जिसका जनवरी में बोफा द्वारा 2.5 अरब डॉलर का मूल्य आका गया था, का मूल्यांकन तीन गुना बढ़कर आठ अरब डॉलर हो चुका है, जिससे यह भारत में 12वें पायदान से बढ़कर तीसरी सबसे मूल्यवान स्टार्टअप बन गई है।
ऑनलाइन खाद्य वितरण करने वाली कंपनी स्विगी का मूल्यांकन जनवरी के 3.6 अरब डॉलर से 52 प्रतिशत बढ़कर वर्तमान में 5.5 अरब डॉलर हो गया है।
सोशल ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो और फिनटेक स्टार्टअप क्रेड जैसी अन्य कंपनियां भी वर्ष 2020 में शीर्ष 37 यूनिकॉर्न की सूची में भी शामिल नहीं होने के बावजूद वर्ष 2021 में शीर्ष दस में शामिल हो चुकी हैं।
सॉफ्टबैंक से पैसे जुटाने के बाद मीशो अप्रैल के अंत में एक यूनिकॉर्न बन गई थी और क्रेड भी नए दौर के वित्त पोषण के बाद उसी महीने में यूनिकॉर्न बन गई थी।
कई कंपनियां इस मूल्यांकन सूची से बाहर हो गई हैं, क्योंकि वे आईपीओ लाई हैं और एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध हैं। इनमें शामिल हैं जोमैटो, पॉलिसीबाजार डॉट कॉम और पेटीएम, जिसका मूल्यांकन आईपीओ के लिए जाने से पहले 16 अरब डॉलर तक पहुंच गया था, हालांकि इसका मौजूदा बाजार पूंजीकरण 13.47 अरब डॉलर है।

 

First Published : December 16, 2021 | 11:50 PM IST