facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

मदद की तलाश छोड़ बने मददगार

Last Updated- December 07, 2022 | 7:06 PM IST

बिहार में बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के आम लोग अब राहत कार्य में मदद करने के लिए आगे बढ़ कर आए हैं।


बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के ऐसे इलाके, जहां पानी नहीं घुसा है, वहां के हर घर से पांच रोटी और सब्जी एकत्रित की जा रही है। उसके बाद ये लोग पेड़ों पर कैंप लगाकर बाढ़ में फंसे लोगों को पुकार-पुकार कर खाना भेजने का प्रबंध कर रहे हैं।

खाने के साथ-साथ पीने के पानी की भी व्यवस्था की जा रही है। सहरसा के नजदीक डिस्टीलेशन केंद्र पर पानी को पैक कर सील करवाया जा रहा है और बाढ़ पीड़ितों को पानी मुफ्त में भेजा जा रहा है। सहरसा जिले के निवासी संजय कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों के रेलवे स्टेशनों से गुजरने वाली ट्रेनों को रोककर हर बोगी में जा-जाकर बाढ़ पीड़ितों को खाना और पानी पहुंचाया जा रहा है।

First Published - August 31, 2008 | 10:34 PM IST

संबंधित पोस्ट