Stake Sale: 4 सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही सरकार!

जिन बैंकों में हिस्सेदारी कम करने की योजना है, वे हैं - सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक।

Published by
एजेंसियां   
Last Updated- November 19, 2024 | 4:12 PM IST

भारत सरकार चार सरकारी बैंकों में छोटी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। यह कदम बाजार नियामक सेबी के सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों का पालन करने के लिए उठाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय आने वाले महीनों में इस प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी के लिए पेश करेगा। जिन बैंकों में हिस्सेदारी कम करने की योजना है, वे हैं – सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक।

सितंबर के अंत तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सरकार की सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 93% से ज्यादा, इंडियन ओवरसीज बैंक में 96.4%, यूको बैंक में 95.4% और पंजाब एंड सिंध बैंक में 98.3% हिस्सेदारी है।

सरकार खुले बाजार में हिस्सेदारी बेचने की योजना पर कर रही विचार

सूत्रों के अनुसार, सरकार चार सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी को खुले बाजार में ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचने की योजना बना रही है। इस खबर के बाद इन बैंकों के शेयरों में 3% से 4% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के तहत लिस्टेड कंपनियों को 25% सार्वजनिक हिस्सेदारी बनाए रखना जरूरी है।

हालांकि, सरकारी कंपनियों को अगस्त 2026 तक इस नियम से छूट दी गई है। यह साफ नहीं है कि सरकार सेबी की समय सीमा का पालन कर पाएगी या इसे और बढ़ाने का अनुरोध करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि हिस्सेदारी बिक्री का समय और मात्रा बाजार की स्थिति के अनुसार तय की जाएगी।

कैपिटल जुटाने का पुराना मॉडल

पिछले सालों में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पूंजी जुटाने के लिए क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) का सहारा लिया है, जिससे सरकार की हिस्सेदारी घटाई गई। सितंबर में पंजाब नेशनल बैंक ने QIP के जरिए 5,000 करोड़ रुपये जुटाए, जबकि अक्टूबर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 3,500 करोड़ रुपये जुटाए। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published : November 19, 2024 | 4:12 PM IST