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भंडारण शुल्क बढ़ने से आलू किसानों में गुस्सा

Last Updated- December 07, 2022 | 3:00 PM IST

इस साल आलू की भारी पैदावार से हाथ जला चुके आगरा के किसानों के निशाने पर अब कोल्ड-स्टोरेज मालिक हैं।


किसानों के गुस्से की वजह कोल्ड स्टोरेज मालिकों द्वारा भंडारण शुल्क में प्रति क्विंटल 30 रुपये की बढ़ोतरी किया जाना है। आगरा के आसपास के किसानों ने रविवार को बैठक कर इस साल आलू किसानों के सामने पैदा हुए मुश्किल हालातों से निपटने के तरीकों पर विचार किया।

आलू उत्पादक किसान समिति के महासचिव पुष्पेंद्र जैन ने बताया कि इस साल किसानों को प्रति हेक्टेयर 17 हजार से 19 हजार रुपये का घाटा उठाना पड़ा है। यहां तक कि राज्य सरकार ने भी प्रति हेक्टेयर 16710 रुपये के घाटे की बात स्वीकार की है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश से आलू की आवक से कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। यदि सरकार की तरफ से किसानों को राहत नहीं दी गई तो उनका कर्ज के जाल से उबर पाना मुश्किल है।

उन्होंने बताया कि कोल्ड स्टोरेज मालिकों द्वारा भंडारण शुल्क को 80 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 120 रुपये प्रति क्विंटल करने से हालात और भी मुश्किल हो गए हैं। किसान  जिस मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं उसे देखते हुए यह रकम काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि भंडारण की अधिकतम अवधि को 30 नवंबर से घटाकर 15  अक्टूबर कर दिया गया है। सर्दियों  से पहले फसल को निकालना नुकसानदेह हो सकता है। जैन ने बताया कि यह तय हुआ था कि किसान भंडारण शुल्क के तौर पर 80 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक नहीं देंगे।

अंतहीन मुसीबत

कोल्ड स्टोरेज द्वारा आलू के भंडारण शुल्क में प्रति क्विंटल 30 रु की वृद्धि से किसान नाराज
इस साल आलू की खेती पर प्रति हेक्टेयर 17 हजार रुपये का घाटा

First Published - August 4, 2008 | 9:53 PM IST

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