facebookmetapixel
Income Tax: रिवाइज्ड IT रिटर्न क्या है, जिसे आप कैलेंडर ईयर के अंत तक फाइल कर सकते हैंIndia International Trade Fair 2025: साझीदार राज्य बना यूपी, 343 ओडीओपी स्टॉल्स और 2750 प्रदर्शकों के साथ बड़ा प्रदर्शनबुलेट बनाने वाली कंपनी का मुनाफा 25% बढ़कर ₹1,369 करोड़, रेवेन्यू में 45% की उछालPhonePe ने OpenAI के साथ मिलाया हाथ, अब ऐप में मिलेगी ChatGPT जैसी खास सुविधाएंNFO Alert: ₹99 की SIP से Mirae Asset MF के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश का मौका, जानें इसकी खासियतDigital Life Certificate: ऑनलाइन जीवन प्रमाण पत्र जमा करते समय साइबर धोखाधड़ी से कैसे बचें?सरकार का बड़ा प्लान! क्या मुंबई 2029 तक जाम और भीड़ से मुक्त हो पाएगीसस्ते स्टील पर बड़ा प्रहार! भारत ने वियतनाम पर 5 साल का अतिरिक्त टैक्स लगाया45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नलदिग्गज Defence Stock बन सकता है पोर्टफोलियो का स्टार, ब्रोकरेज का दावा- वैल्यूएशन तगड़ा; 35% रिटर्न का मौका

इस साल कहीं खाली न रह जाए ‘धान का कटोरा

Last Updated- December 07, 2022 | 10:46 PM IST

इस साल देश में धान का उत्पादन 15 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है लेकिन इसके बावजूद धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में बारिश की बेरुखी के कारण उत्पादन के 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कम रह जाने का अनुमान है।


राज्य के कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से जो खबरें आ रही हैं, उसके आधार पर यह माना जा रहा है कि बीते साल के मुकाबले इस साल धान का उत्पादन 10 से 15 प्रतिशत तक कम रहेगा। धान के आकलन के लिए आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान ये अनुमान व्यक्त किए गए। राज्य के कृषि निदेशालय के उप निदेशक आर के चंद्रवंशी ने बताया कि विभाग को इस साल 20 से 22 क्विंटल प्रति हेक्टेयर धान की पैदावार का अनुमान है जबकि मानक उत्पादन प्रति हेक्टेयर 27 क्विंटल है।


कम उत्पादन के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल खरीफ सत्र के दौरान 52 लाख टन चावल तैयार होने का अनुमान लगाया है। उल्लेखनीय है कि बीते साल राज्य में 54 लाख टन पैदावार हुई थी। कृषि वैज्ञानिक संकेत ठाकुर ने बताया कि उत्पादन में और कमी आएगी और और सरकार को अभी उत्पादन के अनुमान में और कमी करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य में मानसून अच्छा नहीं रहा है इसलिए किसी भी सूरत में पैदावर प्रति हेक्टेयर 16 क्विंटल से अधिक नहीं होगी।

First Published - October 3, 2008 | 9:55 PM IST

संबंधित पोस्ट