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उप्र में कालीन उद्योग को लगेंगे नए पंख

Last Updated- December 07, 2022 | 7:05 PM IST

उत्तर प्रदेश में कालीन उद्योग को तकनीकी रूप से उन्नत करने और मशीनों के नवीकरण के लिए केंद्र सरकार ने एक योजना तैयार की है।


विभाग ने शिल्पकारों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले करीब 75,000 करघों को बदलने और उसकी जगह उन्नत करघे लगाने का फैसला किया है। इन नए करघों से न केवल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी बल्कि काम का दबाव और शारीरिक थकान भी मिटेगी।

इस नए करघे का आविष्कार भदोई स्थित भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) ने किया गया है। करघा की कुल लागत 30,000 रुपये है, जिसमें शिल्पकारों को केवल 10,000 रुपये भुगतान करने होंगे और बाकी सरकार प्रबंधन करेगी। शिल्पकारों को नए करघों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।

First Published - August 31, 2008 | 10:21 PM IST

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