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नई राह दिखाता एक गांव

Last Updated- December 07, 2022 | 5:01 PM IST

आज लोग तेज रफ्तार वाली जिंदगी में किसी भी दर्शन से अछूते होकर अपने आप में ही गुम हो जाते हैं। ऐसे में गढ़वाल के हिमालयी क्षेत्रों के एक गांव बखरोती में अब भी गांधी के दर्शन को व्यवहारिक रुप में लाने की कोशिश जारी है।


टिहरी जिले के इस छोटे से गांव के लोगों ने शराब और धूम्रपान जैसे किसी भी तरह के नशे से अपने को दूर रखा है। पिछले 5 दशक से लेकर अब तक गांव के प्रधान से लेकर वहां के युवाओं ने भी शराब या धूम्रपान न करने का प्रण लिया है।

बखरोती गांव के रामनारायण रौतेला का कहना है, ‘हमलोगों ने पूरी तरह से गांधी जी के दर्शन को अपने जीवन में अपनाते हुए शराब और धूम्रपान से अपने आप को दूर रखा है।’ गांव के लोग महात्मा गांधी के सबसे बड़े हथियार अहिंसा को भी व्यवहार में लाते हैं। एक ग्रामीण का कहना है, ‘अगर किसी ने शराब पी रखी है तो वह बखरोती गांव के पास आने की हिम्मत नहीं करता।’

गांधी के दर्शन का अनुसरण करने वाले इन लोगों ने शराब पीकर आने वाले सरकारी अधिकारियों को भी नहीं बख्शा है। गांव वालों ने ऐसे अधिकारियों को भी गांव में बंधक बना लिया और फिर बाद में वहां के डीएम के हस्तक्षेप करने के बाद मामला सुलट सका।

गढ़वाल क्षेत्र में इस तरह का नशा करने की मनाही है और यहां शराब को समाज के  लिए विनाश का रास्ता माना जाता है। एक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अनिल जोशी का कहना है कि बखरोती की मिसाल हमारे समाज के लिए बेहद खास है क्योंकि आज कई परिवार शराब की वजह से बर्बाद हो रहे हैं।

First Published - August 15, 2008 | 2:22 AM IST

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