क्या ईलॉन मस्क ट्विटर पर अभिव्यक्ति की आजादी के बेहतर मानक सुनिश्चित कर सकते हैं और वहां पेश की जाने वाली सामग्री की बेहतर निगरानी सुनिश्चित करते हुए उसे एक ‘ऐसे डिजिटल स्थान में बदल सकते हैं जहां विविध मान्यताओं पर बहस की जा सके’ जैसा कि उनका दावा है? या फिर उन पर भी इस बात का भीषण दबाव पड़ेगा कि वह विभिन्न सरकारों की आलोचना करने वाली सामग्री को इस प्लेटफॉर्म से इसलिए हटा दें कि कहीं इसकी कीमत टेस्ला, स्टारलिंक और स्पेसएक्स जैसे उनके नियंत्रण वाले अन्य बड़े कारोबारों को न चुकानी पड़े।
मस्क ने अभिव्यक्ति की आजादी की बात की है लेकिन उनके अन्य हितों के कारण इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अपने कारोबारों से अलग रखना कठिन होगा और ट्विटर पर सामग्री को नियंत्रित रखने के सरकारी दबाव का प्रतिरोध करना भी आसान न होगा। ऐसे दावे भी किए जा रहे हैं कि वह बड़े पैमाने पर छंटनी करने का इरादा रखते हैं।
ट्विटर जैसे मंच के लिए ब्लूस्काई जैसे नए संभावित प्रतिद्वंद्वियों का मुकाबला करना भी आसान न होगा। इस विकेंद्रीकृत सोशल नेटवर्क को ट्विटर के संस्थापक जैक डोरसी ने हाल ही में पेश किया है। ब्लूस्काई काफी हद तक ट्विटर की तरह ही है, बस वह विकेंद्रीकृत है।
मस्क द्वारा गत सप्ताह चीफ ट्वीट (उनके ट्विटर परिचय के मुताबिक) का पद संभालने के बाद कई अन्य दिलचस्प घटनाएं भी घटी हैं। ट्विटर के मुख्य कार्याधिधिकारी पराग अग्रवाल समेत कई वरिष्ठ प्रबंधकों को अचानक पद छोड़ना पड़ा है। अमेरिकी मीडिया का कहना है कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं जिनके मुताबिक मस्क ने निवेशकों से कहा है कि उनकी योजना ट्विटर के 75 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने की है।
मस्क को 44 अरब डॉलर की उसी राशि में ट्विटर का अधिग्रहण करना पड़ा जिसकी पेशकश उन्होंने अप्रैल में की थी। वह यह पेशकश करने के बाद सौदा पूरा करने के इच्छुक नहीं दिख रहे थे। उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया था कि यह प्लेटफॉर्म बॉट्स (कृत्रिम मेधा चालित लेकिन इंसानों की तरह संवाद करने वाले) की तादाद को इंसानों की तरह दर्शा रहा है।
इसके बाद जटिल कानूनी प्रक्रिया हुई। आमतौर पर ऐसा नहीं होता है कि बिकने वाली कंपनी अधिग्रहण करने वाले को उसे खरीदने पर मजबूर कर सके लेकिन इस मामले में ऐसा हुआ। इस सौदे की व्यवस्था जटिल है और हितों का टकराव उत्पन्न कर सकती है। मस्क ने इसमें 27-28 अरब डॉलर की निजी पूंजी लगाई है।
उन्होंने टेस्ला के 15.5 अरब डॉलर मूल्य के शेयर बेचकर भी पूंजी लगाई। यह राशि उनकी कुल पूंजी का 12 फीसदी है। उन्होंने ऑरेकल संस्थापक लैरी एलिसन, कतर के सॉवरिन वेल्थ फंड और कई निवेश बैंकों से भी फंड जुटाया। सऊदी अरब का सॉवरिन वेल्थ फंड इसमें दूसरा बड़ा हिस्सेदार है।
मस्क दावा करते हैं कि वह अभिव्यक्ति की आजादी के पैरोकार हैं और उन्होंने टि्वटर पर ‘कंटेंट मॉडरेशन काउंसिल’ की बात कही है जहां विविध नजरियों का ध्यान रखा जाएगा। परंतु इस मंच को हर जगह स्थानीय नियम कायदों का पालन करना होगा। मसलन भारत ने हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2022 पेश किए हैं। ये सोशल मीडिया नियमों को बहुत सख्त बनाते हैं।
मस्क की निजी अभिरुचि चाहे जो हो लेकिन ट्विटर सरकारों से नहीं उलझ सकता क्योंकि उनके अन्य कारोबार प्रभावित होंगे। टेस्ला की फैक्टरियां चीन समेत कई देशों में हैं जहां ट्विटर पर रोक है। कंपनी 30 देशों में कार बेचती है और चीन उसका दूसरा बड़ा बाजार है। वह भारत में भी संयंत्र स्थापित करना चाहती है।
स्पेसएक्स तमाम देशों के लिए उपग्रह प्रक्षेपित करता है और स्टारलिंक के जरिये कम से कम 40 देशों को ब्रॉडबैंड देता है। टेस्ला और स्पेसएक्स के ग्राहकों में कई सरकारें भी हैं।
मस्क की कुल संपत्ति में करीब 90 प्रतिशत टेस्ला और स्पेसएक्स में लगी है। 2021 में इन दोनों का राजस्व करीब 55 अरब डॉलर था जो ट्विटर के 5 अरब डॉलर से बहुत अधिक है। दोनों कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला जटिल है और विश्व भर से संबद्ध है। उनके कारोबारी मॉडल ऐसे हैं कि सरकारें उन्हें दंडित कर सकती हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि मस्क अभिव्यक्ति की आजादी पर दबाव का प्रतिरोध कर पाते हैं या नहीं।