बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस में मुख्य निवेश अधिकारी संपत रेड्डी ने निकिता वशिष्ठ के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले भारतीय इक्विटी द्वारा मजबूत प्रदर्शन के बाद, संवत 2079 में धीमी वृद्धि, बढ़ती ब्याज दरों, भूराजनीतिक अनिश्चितताओं और मूल्यांकन का घरेलू बाजारों पर दबाव पड़ सकता है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
अगले संवत (वर्ष) से आपको कैसा प्रतिफल हासिल होने की उम्मीद है?
वैश्विक इक्विटी बाजारों में गिरावट के बावजूद, भारत इस साल अब तक अच्छे प्रदर्शन वाले प्रमुख बाजारों में शुमार रहा है। उसे अपेक्षाकृत बेहतर वृहद आर्थिक हालात और मजबूत आय वृद्धि से मदद मिली। हालांकि
वैश्विक वृद्धि में नरमी, ब्याज दर वृद्धि, भूराजनीतिक अनिश्चितताओं, और मौजूदा बाजार मूल्यांकन की चिंताओं को देखते हुए हमें इस साल भारतीय इक्विटी से कमजोर प्रतिफल मिलने की उम्मीद है।
नए संवत में कौन से क्षेत्र/थीम निवेशकों के रेडार पर रहेंगे?
हम ऋण वृद्धि और परिसंपत्ति गुणवत्ता परिदृश्य में सुधार से जुड़े खास बैंकों पर सकारात्मक हैं। हम उद्योग और पूंजीगत वस्तु जैसे घरेलू वृद्धि केंद्रित क्षेत्रों को भी पसंद कर रहे हैं। मूल्यांकन के नजरिये से, आईटी और फार्मा जैसे क्षेत्र कुछ वजहों से आकर्षक बन गए हैं।
पिछले तीन महीनों के दौरान आपकी खरीद/बिक्री सूची में कौन से क्षेत्र शामिल रहे?
बैंकिंग हमारे पसंदीदा क्षेत्रों में से एक रहा और क्षेत्र द्वारा ताजा प्रदर्शन से हमारे फंड पोर्टफोलियो को लाभ मिला है। हम पूंजीगत वस्तु क्षेत्र पर भी सकारात्मक हैं। सरकार द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा दिया गया है और क्षमता इस्तेमाल दीर्घावधि औसत से ऊपर रहने से निजी पूंजीगत खर्च चक्र में सुधार लाने में मदद मिल सकती है।
भारतीय इक्विटी का प्रदर्शन वैश्विक तौर पर मजबूत रहा है, फिर भी एफआईआई ने किन वजहों से यहां बिकवाली पर जोर दिया है?
भारतीय इक्विटी बाजारों ने अपने उभरते बाजार के प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे हम एफआईआई द्वारा कुछ मुनाफावसूली देख सकते हैं। हालांकि एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत का भारांक पिछले दो साल के दौरान 8 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत के पार पहुंचा है, जिससे वह ईएम (उभरते बाजारों) में सर्वाधिक भारांक वाला देश बन गया है। वैश्विक तौर पर इमर्जिंग मार्केट्स फंडों से निकासी की वजह से भारतीय बाजारों से एफआईआई की बिकवाली को भी बढ़ावा मिल सकता है।
2022 से क्या सीख मिली?
बुनियादी दांव दीर्घावधि में महत्वपूर्ण योगदान देता है। बेंजामिन ग्राहम ने कहा था, ‘अल्पावधि में, बाजार एक ‘वोटिंग मशीन’ है, लेकिन दीर्घावधि में यह ‘वेइंग मशीन’ है।’ कभी कभी हम कुछ खास सेगमेंटों में उत्साह या तेजी देख सकते हैं, जैसा कि हमने नए जमाने की कंपनियों के आईपीओ में पिछले साल देखा। इनमें से कई आईपीओ ऊंचे मूल्याकन पर बाजार में पेश किए गए। ऐसे हालात से एक महत्वपूर्ण सीख यह मिली कि निवेशकों को मुख्य निवेश सिद्धांतों से जुड़े रहना चाहिए और बुनियादी आधार पर ध्यान देना चाहिए।
क्या मौजूदा बाजार हालात में कोई अच्छे कॉन्ट्रा दांव हैं?
आईटी क्षेत्र वैश्विक मंदी की आशंका के साथ वर्ष के दौरान दबाव में रहा और इस क्षेत्र के लिए वृद्धि से जुड़ी चिंताएं बढ़ गईं। ताजा गिरावट के बाद, आईटी कंपनियों का मूल्यांकन अब आकर्षक स्तरों पर आ गया है। इसी तरह, फार्मा सेक्टर का प्रदर्शन हाल के महीनों में कमजोर रहा। लेकिन कुछ हद तक अब मूल्यांकन आकर्षक हो गए हैं।