लीमन, एआईजी और मेरिल लिंच संकट से निपटने के लिए अमेरिकी केंद्रीय बैंक समेत दुनियाभर के प्रमुख देशों के बड़े बैंकों की ओर से बाजार में पैसा डालने और तरलता लाने की घोषणा का असर भारत समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों पर दिखा। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 726.72 अंकों की जबरदस्त उछाल के साथ 14,042.32 के स्तर पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 207.10 अंक चढ़कर 4,245.25 के स्तर पर बंद हुआ।
बीएसई के मिडकैप सूचकांक में करीब 3 फीसदी, तो स्मॉलकैप सूचकांक में करीब 2.5 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। सप्ताह के अंतिम कारोबारी सत्र में बीएसई का कोई भी सूचकांक गिरावट पर नहीं रहा।
सबसे ज्यादा करीब 7 फीसदी का उछाल अचल संपत्ति सूचकांक में देखी गई। इसके साथ ही आईटी सूचकांक में भी करीब 6.5 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। तकनीकी, तेल और गैस, पूंजीगत वस्तु और सार्वजनिक क्षेत्र सूचकांक 4 फीसदी बढ़त पर बंद हुए।
फार्मा, वाहन और एफएमसीजी सूचकांकों में भी तेजी का रुख दर्ज किया गया।सेंसेक्स में सबसे ज्यादा करीब 10 फीसदी का उछाल सत्यम कंप्यूटर्स के शेयरों में देखी गई।
इसके अलावा, आईसीआईसीआई बैंक के शेयर 9 फीसदी मजबूती के साथ बंद हुए। टाटा मोटर्स और एचडीएफसी के शेयरों में करीब 8 फीसदी का उछाल आया।
डीएलएफ और ओएनजीसी के शेयर 7 फीसदी चढ़े, जबकि एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, और इन्फोसिस के शेयरों में करीब 6 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।
दुनियाभर के बाजारों में तेजी वित्तीय संकट से निपटने के लिए अमेरिकी सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों का असर बाजार पर भी पड़ा। गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी देखी गई।
डाऊ जोंस करीब 410.03 अंक चढ़कर 11,019.69 के स्तर को पार कर गया, वहीं नैस्डैक 100 अंकों की उछाल के साथ बंद हुआ। जापान के निककेई में 431.56 अंकों की तेजी दर्ज की गई, जबकि चीन के शंघाई कंपोजिट में 9 फीसदी की मजबूती दर्ज की गई।
यूरोपीय शेयर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान एफटीएसई 100 सूचकांक में 4.26 फीसदी की तेजी, जबकि सीएसी 40 सूचकांक में 5.85 फीसदी तेजी दर्ज की गई।