शेयर बाजार

फेड का संकेत बाजारों पर भारी, सेंसेक्स 30 जून के बाद के निचले स्तर पर लुढ़का

Nifty ने 100 अंकों की गिरावट के साथ 19,365 पर कारोबार की समाप्ति की, जो 10 जुलाई के बाद का निचला स्तर है

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- August 17, 2023 | 10:42 PM IST

दरों में बढ़ोतरी और चीन की बीमार अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता से जोखिम वाली परिसंपत्तियों को लेकर निवेशकों की स्वाभाविक इच्छा पर चोट पड़ी और देसी इक्विटी बाजारों में गुरुवार को गिरावट दर्ज हुई। बीएसई सेंसेक्स 388 अंक टूटकर 65,151 पर आ गया, जो 30 जून के बाद का निचला स्तर है। उधर, निफ्टी ने 100 अंकों की गिरावट के साथ 19,365 पर कारोबार की समाप्ति की, जो 10 जुलाई के बाद का निचला स्तर है।

फेडरल रिजर्व की जुलाई की मौद्रिक नीति बैठक के मिनट्स से संकेत मिला है कि महंगाई पर लगाम कसने के लिए ब्याज दरों में आगे बढ़ोतरी की जा सकती है। दो अधिकारियों ने हालांकि दरें अपरिवर्तित रखने की वकालत की है। विश्लेषकों ने कहा, कई निवेशकों ने मान लिया था कि दरों में बढ़ोतरी का दौर समाप्त गया है, लेकिन मिनट्स से संकेत मिलता है कि वे सख्त मौद्रिक नीति पर विचार कर रहे हैं।

फेडरल रिजर्व की तरफ से जुलाई में की गई ब्याज दर बढ़ोतरी ने यूएस बेंचमार्क दर को 5.25 से 5.5 फीसदी के दायरे में ला दिया था, जो 22 साल का सर्वोच्च स्तर है। जुलाई में हुए इजाफे ने ब्याज बढ़ोतरी की बहाल को भी रेखांकित किया क्योंकि अधिकारियों व फेड अफसरों ने 2022 से हो रही ब्याज बढ़ोतरी के बाद जून में पहली बार दरें अपरिवर्तित रखी।

चीन की बीमार अर्थव्यवस्था ने निवेशकों की चिंता में इजाफा किया। प्रॉपर्टी एजेंटों व प्राइवेट डेटा प्रदाताओं के आंकड़ों के हवाले से लिखी खबरें बताती है कि देश के रियल एस्टेट बाजार में भारी ​नरमी है। आंकड़ों से पता चलता है कि घरों की मौजूदा कीमतें प्रमुख मेट्रोपॉलिटन इलाकों मसलन शांघाई के आसपास के अहम क्षेत्रों में कम से कम 15 फीसदी गिरी है।

बुधवार को फिच रेटिंग्स ने कहा था कि वह चीन के सॉवरिन क्रेडिट स्कोर पर दोबारा विचार कर सकता है और अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए उसकी बैलेंस शीट को विस्तार दे सकता है। इस महीने रेटिंग एजेंसी ने संभावित राजकोषीय गिरावट और सरकार के कर्ज बोझ में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए अमेरिका को डाउनग्रेड कर दिया था।

एवेंडस कैपिटल ऑल्टरनेट स्ट्रैटिजिज के सीईओ एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ​पिछले कुछ दिनों में हमारे पास कुछ नकारात्मक खबरें रही हैं। हमारा महंगाई का स्तर अनुमान से ज्यादा रहा है और फेड के मिनट्स ने दरों में बढ़ोतरी को लेकर भ्रमित कर दिया है। इसके अलावा बॉन्ड प्रतिफल बढ़ रहा है और चीन संघर्ष कर रहा है। इन नकारात्मक खबरों से बाजार नीचे जा रहा है। इस समय कोई सकारात्मक उत्प्रेरक नहीं है। मुझे नहीं पता कि फेड किधर जा रहा है। हमें मुद्राओं न बॉन्ड प्रतिफल पर नजर रखनी चाहिए क्योंकि यही हमें बताएगा कि बाजार कहां जाएगा।

सेंसेक्स के दो तिहाई से ज्यादा शेयर गुरुवार को टूट गए। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 1.2 फीसदी की गिरावट आई और उसने सेंसेक्स की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान किया। इसके बाद आईटीसी का स्थान रहा, जो 2.04 फीसदी टूटा।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक 1,511 करोड़ रुपये के शुद्ध‍ बिकवाल रहे, वहीं देसी संस्थागत निवेशक भी 314 करोड़ रुपये के शुद्ध‍ बिकवाल रहे। एफपीआई की खरीदारी इस महीने सुस्त रही है। अगस्त में अब तक एफपीआई 9,381 करोड़ रुपये के शुद्ध‍ खरीदार रहे हैं। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिलाजुला रहा और बीएसई पर 1,802 शेयर टूटे जबकि 1,784 में बढ़ोतरी दर्ज हुई।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा, पिछले तीन दिनों में निफ्टी किनारे चला गया है और 19,317-19,326 के स्तर से समर्थन ले रहा है। हालांकि दिन में यह नकारात्मक बंद हुआ। 18,300 से नीचे जाने की संभावना दिख रही है। बढ़त पर इसे 19,483 पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।

First Published : August 17, 2023 | 10:42 PM IST