भारी उतारचढ़ाव वाले कारोबारी सत्र में बाजार मंगलवार को मजबूती के साथ खुला क्योंकि सरकार ने टीकाकरण का विस्तार किया है और अब 18 वर्ष से ऊपर वाले लोग कोरोना का टीका ले पाएंगे। लेकिन राज्य सरकारों की तरफ से और पाबंदी लगाए जाने के कारण अवधारणा प्रभावित हुई और बेंचमार्क सूचकांकों ने सुबह का फायदा गंवा दिया और अंत में 0.4-0.5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।
बीएसई सेंसेक्स 243.62 अंक यानी 0.51 फीसदी की गिरावट के साथ 47,705.80 अंक पर बंद हुआ, जो 29 जनवरी के बाद का निचला स्तर है। कारोबारी सत्र मेंं बीएसई सेंंसेक्स 529 अंक चढ़कर दिन के उच्चस्तर 48,478.34 को छू गया था। इसी तरह निफ्टी 167 अंक चढ़कर कारोबारी सत्र के दौरान 14,500 के स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन अंत में 63.05 अंक यानी 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 14,296.40 अंक पर बंद हुआ।
दोनों सूचकांक फरवरी की अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से क्रमश: 8.7 फीसदी व 6.9 फीसदी दूर हैं क्योंकि कोविड के बढ़ते मामलों ने आर्थिक सुधार को लेकर संदेह पैदा किया है।
व्यापक बाजार में ठीक-ठाक खरीदारी का रुझान रहा क्योंकि मिडकैप व स्मॉलकैप सूचकांकों में 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई। उधर, आईटी, एफएमसीजी और वित्तीय क्षेत्र के शेयर नुकसान के साथ बंद हुए, वहींं वाहन, दूरसंचार और धातुओं में बढ़त दर्ज हुई।
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा ने कहा, राज्य सरकारों की तरफ से सख्ती की घोषणा और कोविड के बढ़ते मामले अल्पावधि में निवेशकों के लिए अहम कारक बने रहेंगे। इसके अलावा निफ्टी दिग्गजों की आय पर नजर रहेगी। हम अल्पावधि में बाजार को लेकर सतर्कता भरा अपना नजरिया बनाए रखे हुए हैं क्योंकि पाबंदी बढऩे का आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर होगा।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ टेक्निकल विश्लेषक रोहित सिंगरे ने कहा, रोजाना के चार्ट में सूचकांक मजबूत मंदी का पैटर्न बना रहा है। हम सूचकांक को 14,000 के आसपास देख रहे हैं, जो गिरावट के दौरा में अहम समर्थन स्तर है। इसके अलावा ऊपर की ओर यह 14,400-14,500 की ओर जा सकता है, लेकिन इसमें काफी अवरोध देखने को मिलेगा।
कैपिटलविया ग्लोबल रिसर्च के तकनीकी शोध प्रमुख ए विश्वास ने कहा, अभी अल्पावधि में बाजार की तकनीकी स्थिति गिरावट का रुख दिखा रही है। हालांकि कीमतों में और गिरावट हो सकती है, लेकिन अल्पावधि से मध्यम अवधि के लिहाज से बाजार में प्रवेश को लेकर हमें इसके दायरे व तकनीकी कारकोंं के उभरने तक इंतजार करना चाहिए।
मंगलवार को एशिया में इक्विटी एक्सचेंजों में ट्रेडिंग को लेकर मिलाजुला रुख रहा क्योंकि निवेशकों ने चीन के ताजा बेंचमार्क उधारी दर का इंतजार किया। जापान ने क्षेत्र के अहम बाजारों में आई गिरावट की अगुआई की, जिसके बाद हॉन्गकॉन्ग का स्थान रहा।