SEBI ने निवेशकों की मदद के लिए MITRA नाम का नया प्लेटफॉर्म शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। यह प्लेटफॉर्म उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा जो अपने पुराने म्यूचुअल फंड खाते को भूल चुके हैं। SEBI के इस कदम से निवेशकों को अपने भूले हुए फोलियो को आसानी से ढूंढने में मदद मिलेगी और म्यूचुअल फंड सेक्टर में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
MITRA प्लेटफॉर्म का डेवलपमेंट दो बड़ी कंपनियां, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS) और KFIN टेक्नोलॉजीज मिलकर करेंगी। यह प्लेटफॉर्म निवेशकों को उनके पुराने निवेश ढूंढने और सही दावेदार की पहचान करने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह KYC जानकारी अपडेट करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा ताकि निवेशकों की फोलियो जानकारी सही और पूरी हो। SEBI का मानना है कि इससे म्यूचुअल फंड में फर्जीवाड़े की आशंका भी कम होगी और भूले हुए निवेशों की संख्या घटेगी।
SEBI के मुताबिक, कई निवेशक पुराने फिजिकल फॉर्म, अधूरी KYC जानकारी, या अपडेट न किए गए PAN, ईमेल ID और पते की वजह से अपने म्यूचुअल फंड फोलियो का ट्रैक खो चुके हैं। ऐसे फोलियो निवेशकों के कंसोलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट (CAS) में नहीं दिखते जिससे उन्हें अपनी जमा पूंजी का सही पता नहीं चलता। यह स्थिति कई बार धोखाधड़ी का कारण भी बन सकती है। SEBI ने inactive फोलियो की परिभाषा भी दी है। जिसके अनुसार, वे फोलियो जिनमें 10 साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ, लेकिन जिनमें यूनिट बैलेंस उपलब्ध है उन्हें inactive फोलियो कहा जाता है।
MITRA प्लेटफॉर्म का एक बीटा वर्जन दो महीने के लिए लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद प्लेटफॉर्म पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। हालांकि, SEBI ने अभी फाइनल सर्कुलर के बाद प्लेटफॉर्म के लाइव होने की सटीक तारीख का ऐलान नहीं किया है।
यह प्लेटफॉर्म MF Central, एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) की वेबसाइट्स, AMFI और SEBI की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। इसके संचालन में साइबर सुरक्षा और सिस्टम ऑडिट का खास ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए QRTA जिम्मेदार होंगे और SEBI के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। निवेशकों तक इस प्लेटफॉर्म की जानकारी पहुंचाने के लिए AMC, QRTA और म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स बड़े स्तर पर जागरूकता अभियान भी चलाएंगे।
SEBI के इस कदम से उन निवेशकों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्होंने अपने म्यूचुअल फंड निवेशों का ट्रैक खो दिया था। MITRA प्लेटफॉर्म एक पारदर्शी और सुरक्षित समाधान के रूप में सामने आएगा जिससे म्यूचुअल फंड सेक्टर में भरोसा और निवेशक सुरक्षा मजबूत होगी।