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निवेशकों से 27.5 करोड़ डॉलर की इक्विटी जुटाएगी ग्रीनलाइन मोबिलिटी

मुंबई की यह कंपनी फिलहाल देश में एलएनजी वाले 650 ट्रकों के बेड़े का संचालन करती है।

Last Updated- April 06, 2025 | 10:35 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर

एस्सार समूह के निवेश वाली लॉजिस्टिक कंपनी ग्रीनलाइन मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रवर्तकों और निवेशकों के समूह से 27.5 करोड़ डॉलर की इक्विटी जुटा रही है। इसके मूल्यांकन के बारे में नहीं बताया गया है। इन निवेशकों में ऑनलाइन शेयर-कारोबार प्लेटफॉर्म जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत भी शामिल हैं।

मुंबई की यह कंपनी फिलहाल देश में एलएनजी वाले 650 ट्रकों के बेड़े का संचालन करती है। उसका लक्ष्य तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) और बिजली से चलने वाले भारी वाहनों को अगले कुछ साल के दौरान बढ़ाकर 10,000 तक करना है। इक्विटी समेत एक अरब डॉलर का नया निवेश भारतीय कंपनियों को हरित लॉजिस्टिक विकल्प प्रदान करने की ग्रीनलाइन की महत्त्वाकांक्षा दर्शाता है।

एस्सार के निदेशक अंशुमान रुइया ने कहा, ‘सड़क लॉजिस्टिक को कार्बन मुक्त करने में यह निवेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ई-ड्राइव पहल के अनुरूप है।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के कम कार्बन के भविष्य का सपना साकार हो रहा है और ग्रीनलाइन इसमें सबसे आगे है।’ उसके एलएनजी ट्रकों को एक सहयोगी कंपनी से इटली की विनिर्माता कंपनी इवेको के साथ तकनीकी और इक्विटी गठजोड़ के जरिये हासिल किया जा रहा है।

इस बदलाव का समर्थन करने के लिए एक सहयोगी कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग पॉइंट और बैटरी-स्वैपिंग सुविधाओं के साथ एलएनजी ईंधन भरने वाले 100 स्टेशन स्थापित करेगी। यह कदम परिवहन का कम उत्सर्जन वाला बुनियादी ढांचा मुहैया कराने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

भारत और चीन दोनों ही मालवाहक परिचालकों को डीजल से दूर कर रहे हैं। चीन में साल 2021 में डीजल ट्रकों की बिक्री शीर्ष स्तर पर चली गई थी। उसके बाद भारी-भरकम वाहनों के बेड़े में साल 2024 में एलएनजी ट्रकों की हिस्सेदारी नौ प्रतिशत से अधिक हो गई। भारत में भी इसी तरह के बदलाव की उम्मीद है, जहां सरकार की नीति हरित परिवहन के पक्ष
में है।

First Published - April 6, 2025 | 10:23 PM IST

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