RBI Credit Card New Rules: देश में डिजिटल लेनदेन बढ़ने के साथ क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अब आम हो चुका है। लेकिन कई बार लोग अनजाने में अपनी कार्ड लिमिट से ज्यादा खर्च कर लेते हैं और बैंकों की ओर से भारी ओवरलिमिट शुल्क भरना पड़ता है। बढ़ती शिकायतों को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अब इस नियम में बड़ा बदलाव किया है, जिससे करोड़ों कार्ड उपयोगकर्ताओं को राहत मिलेगी।
नई गाइडलाइंस के तहत अब कोई भी बैंक या कार्ड जारीकर्ता ग्राहक की स्पष्ट सहमति के बिना ओवरलिमिट फीचर सक्रिय नहीं कर सकेगा। पहले कई बैंक इस सुविधा को ऑटोमैटिक रूप से चालू कर देते थे, जिससे ग्राहक लिमिट पार खर्च कर बैठते थे और बाद में भारी शुल्क देना पड़ता था। RBI ने इस प्रथा को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है।
आरबीआई ने निर्देश दिया है कि सभी कार्ड जारीकर्ता अपने ऐप, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग में एक ट्रांजैक्शन कंट्रोल फीचर उपलब्ध कराएं। इसके जरिए ग्राहक जब चाहे ओवरलिमिट फ़ीचर को ऑन या ऑफ कर सकेंगे। यह सुविधा हर समय उपलब्ध होनी चाहिए।
नए नियम के अनुसार, यदि ग्राहक ने ओवरलिमिट की अनुमति नहीं दी है, तो कार्ड किसी भी स्थिति में तय लिमिट से अधिक खर्च की अनुमति नहीं देगा। यहां तक कि अगर किसी तकनीकी गड़बड़ी के कारण ट्रांज़ैक्शन लिमिट पार कर भी जाता है, तब भी बैंक कोई ओवरलिमिट चार्ज नहीं लगा सकेगा। यह कदम उन ग्राहकों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो गलती से ज्यादा खर्च कर बैठते हैं।
RBI ने स्पष्ट किया है कि यह फैसला ग्राहकों की वित्तीय सुरक्षा मजबूत करने और धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। ओवरलिमिट सुविधा चालू होने से कई बार अचानक और अनियंत्रित खर्च बढ़ जाता है, जिससे ग्राहकों पर वित्तीय बोझ पड़ता है।
नया नियम ग्राहकों को जिम्मेदारी से खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
मान लें किसी कार्ड की लिमिट ₹1 लाख है।
यदि ओवरलिमिट फीचर चालू है, तो ग्राहक इसका ज्यादा उपयोग कर सकता है।
यदि फीचर बंद है या ग्राहक ने इसकी अनुमति नहीं दी है, तो जैसे ही खर्च लिमिट को पार करेगा, ट्रांजैक्शन तुरंत रद्द हो जाएगा।
अगर किसी बैंक ने बिना अनुमति आपके खाते या कार्ड पर ओवरलिमिट चार्ज लगा दिया है, तो आप सबसे पहले बैंक की ग्राहक सेवा में शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर बैंक से आपकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो आप RBI ओम्बुड्समैन पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। नए नियमों के अनुसार, यहां ग्राहक को पूरा रिफंड मिलने की गारंटी है। ये नए नियम ग्राहकों के अधिकारों को मजबूत करते हैं और बैंकिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाते हैं।
आरबीआई के इस फैसले से अब ग्राहकों को अनावश्यक फीस, धोखाधड़ी और बिना जानकारी लिमिट पार होने की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी।